नई दिल्ली। पूरी दुनिया में मात्र दो वैक्सीन के जरिए ही कोरोना टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन जल्द ही इस अभियान में एक और वैक्सीन का नाम जुड़ जाएगा। भारत में अब कोविशील्ड और कोवैक्सीन के साथ रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की खुराकें भी दी जाएंगी। अगले हफ्ते से ये वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।
पढ़ें :- देश के युवा कारोबारी रोहन मीरचंदानी की 42 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत, एपिगैमिया के थे सह संस्थापक
आज रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की दूसरी खेप हैदराबाद पहुंच चुकी है। वैक्सीन के भारत पहुंचने के बाद रूसी राजदूत एन कुदाशेव ने इस वैक्सीन को रशियन-इंडियन वैक्सीन का नाम दिया। उन्होंने कहा कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी के असर के पूरे दुनिया में चर्चे हैं। सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि स्पूतनिक-वी कोरोना के खिलाफ कितनी कारगार है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत में इसका उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ाकर 85 करोड़ खुराक प्रति वर्ष तक किया जाएगा। भारत में जल्द ही स्पुतनिक की सिंगल-डोज़ वैक्सीन पेश करने की योजना है।
जल्द आएगी एक खुराक वाली स्पूतनिक लाइट
इसके अलावा रूसी राजदूत एन कुदाशेव ने बताया कि भारत में एक खुराक वाली स्पूतनिक लाइट वैक्सीन के उत्पादन पर भी जोर दिया जाएगा। एन कदाशेव ने कहा कि रूसी के जानकारों ने इस वैक्सीन को कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावशाली बताया है। यही नहीं रूसी राजदूत ने स्पूतनिक-वी को रशियन-इंडियन वैक्सीन तक कह डाला।
पढ़ें :- पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के काफिले के साथ बड़ा हादसा, बाइक सवार को बचाने में पलटी बुलेरो
इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि स्पूतनिक-वी का उत्पादन भारत में धीरे-धीरे बढ़ेगा और कंपनी मिलकर एक साल में 85 करोड़ खुराकें तैयार करेगी। बता दें कि देश में पहले से ही दो वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही हैं। अब ऐसे में स्पूतनिक वी के बाजार में उपलब्ध हो जाने से वैक्सीनेशन में तेजी तो आएगी, साथी ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग सकेगी।
स्पुतनिक की क्षमता पर शुरुआत में सवाल खड़े किए गए थे, मगर बाद में जब इस साल फरवरी में ट्रायल के डेटा को द लांसेट में पब्लिश किया गया तो इसमें इस वैक्सीन को सेफ और इफेक्टिव बताया गया। बता दें कि कोविड-19 के रूसी टीके ‘स्पूतनिक-वी के तीसरे चरण के परीक्षण में यह 91.6 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है और कोई दुष्प्रभाव भी नजर नहीं आया। ‘द लांसेट’ जर्नल में प्रकाशित आंकड़ों के अंतरिम विश्लेषण में यह दावा किया गया है। अध्ययन के ये नतीजे करीब 20,000 प्रतिभागियों से एकत्र किए गए आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित हैं।
अप्रैल में मिली थी आपात मंजूरी
देश में बढ़ते कोरोना के संक्रमण को देखते हुए अप्रैल महीने में रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी को आपात मंजूरी दे दी गई थी। कुछ शर्तों के साथ इस वैक्सीन को आपात मंजूरी दे दी गई थी।