प्रदेश में जिला योजना समिति के स्थान पर जिला विकास सलाहकार समिति होगी। बता दें कि जिला योजना समिति द्वारा जिला विकास के लिए योजनाओं को बनाया जाता है लेकिन सरकार ने अब इन समितियों को विकास सलाहकार समितियों में परिवर्तन करने का फैसला लिया है।
भोपाल। प्रदेश में जिला योजना समिति के स्थान पर जिला विकास सलाहकार समिति होगी। बता दें कि जिला योजना समिति द्वारा जिला विकास के लिए योजनाओं को बनाया जाता है लेकिन सरकार ने अब इन समितियों को विकास सलाहकार समितियों में परिवर्तन करने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हर जिले में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा। समिति में जिले के प्रभारी मंत्री उपाध्यक्ष तथा समाज के विभिन्न अंगों व संस्थाओं के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। इनकी संख्या 10 से 20 होगी। यह समिति जिले की प्राथमिकता के आधार पर विकास योजना का रोडमैप तैयार करने का काम करेगी। ऐसे विकास काम जिन पर निर्णय जिला स्तर पर ही लिया जा सकता है, उन पर समिति ही अंतिम निर्णय कर लेगी। अब हर तीन महीने में समिति की बैठक होगी, जिसमें वहां चल रही योजनाओं की समीक्षा की जाएगी।
धार्मिक और सांस्कृतिक स्मारकों के निर्माण पर 507 करोड़ रुपये खर्च
प्रदेश सरकार 14 धार्मिक और सांस्कृतिक स्मारकों के निर्माण पर 507 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। उज्जैन के महाकाल लोक की सफलता को देखते हुए ओंकारेश्वर महालोक के निर्माण की योजना बनाई गई है। इसके तहत आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान और एक संग्रहालय विकसित किया जाएगा, जिससे अद्वैत वेदान्त दर्शन के प्रसार को बल मिलेगा। प्रदेश सरकार ने श्रीकृष्ण पाथेय योजना के लिए 10 करोड़ रुपये तथा राम पथ गमन योजना के लिए 30 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। इन योजनाओं के अंतर्गत भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम से जुड़े धार्मिक स्थलों का संरक्षण और विकास किया जाएगा।
भोपाल : मध्यप्रदेश से अक्षय की रिपोर्ट