Nuclear Test Controversy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया है कि पाकिस्तान, चीन, उत्तर कोरिया और रूस जैसे देश गुप्त तरीके परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। जिसने पूरी दुनिया में हल चल पैदा कर दी है। इसके साथ ही ट्रंप ने तीन दशक के अंतराल के बाद परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करने की अमेरिका की योजना को सही ठहराया है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान व अन्य देश किन क्षेत्रों में परमाणु परीक्षण कर रहे हैं? क्योंकि अबतक तो यही माना जाता रहा है कि उत्तर कोरिया को छोड़कर किसी भी अन्य देश ने इन तीन दशकों में अपने न्यूक्लियर हथियारों का ब्लास्ट करके टेस्ट नहीं किया है।
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कैसे होता है परमाणु परीक्षण?
परमाणु विस्फोट के लिए परीक्षण क्षेत्र को काफी सोच समझकर चुना जाता है, उसे इस तरह से तैयार किया जाता है ताकि उसका कोई खराब प्रभाव देखने को ना मिले। परमाणु परीक्षण करने से पहले, एक सही परीक्षण क्षेत्र की जमीन में एक छेद किया जाता है जिसमें परमाणु उपकरण (न्यूक्लियर हथियार) रखा जाता है। विस्फोट के बाद रेडियोएक्टिव मैटेरियल बाहर न निकले, इसके लिए छेद को बजरी, रेत और अन्य सामग्रियों से ढक दिया जाता है। इस दौरान रेडिएशन मॉनिटर करने वाली मशीनें एक्टिव रहती हैं और परमाणु उपकरण की क्षमताओं को ट्रैक करने के लिए एक विमान परीक्षण क्षेत्र (टेस्ट साइट) का चक्कर लगाते हैं और मौसम व नतीजों के पैटर्न की समीक्षा की जाती है।
बता दें कि परमाणु उपकरण में विस्फोट के बाद ऊर्जा लगभग तुरंत जारी होती है, जिससे उच्च तापमान और दबाव उत्पन्न होता है, जो परमाणु उपकरण और आसपास के भूमिगत चट्टान क्षेत्र को वाष्पित (इवापोरेट) कर देता है। परमाणु विस्फोट वाली जगह पर एक बड़ा गड्ढा बन जाता है और जैसे ही गर्म गैसें ठंडी होती हैं, गड्ढे के तल पर पिघली हुई चट्टानें जमा हो जाती हैं। परीक्षण टेस्ट के बाद, क्षेत्र पर सुरक्षा बनाई रखी जाती है – नमूने और डेटा बाद में लिए जाते हैं।
पाकिस्तान कहां कर सकता है परमाणु परीक्षण?
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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने साल 1998 में बलूचिस्तान में अपने परमाणु विस्फोट परीक्षण किए थे। ये परीक्षण 28 मई, 1998 को चगाई-I (एक साथ पांच परीक्षण) और 30 मई, 1998 को चगाई-II (एक परीक्षण) कोड नाम के साथ किए गए गए। ये परीक्षण क्रमशः बलूचिस्तान के चगाई जिले और खारन रेगिस्तान में रास कोह पहाड़ियों पर हुए थे। स्थानीय लोग खुद को इन परमाणु परीक्षणों का पीड़ित मानते हैं। बलूचिस्तान के लोगों का कहना था कि बिना किसी चेतावनी के उनके क्षेत्र को परमाणु परीक्षण क्षेत्र बना दिया गया। Earthquake List की रिपोर्ट के मुताबिक, बलूचिस्तान में पिछले 10 साल में हर साल औसतन 29 भूकंप आते हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि पाकिस्तान छुपकर बलूचिस्तान में परमाणु परीक्षण कर रहा है।