नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ (Pakistan’s Prime Minister Shahbaz Sharif) ने गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से जलवायु वित्त (Climate finance from the international community) पर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह किया है। उन्होने ज़ोर देकर कहा कि कर्ज़-आधारित सहायता पाकिस्तान जैसे कमज़ोर देशों (weak countries) के सामने आने वाली आपदा का समाधान नहीं कर सकती। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (UN Secretary-General Antonio Guterres) द्वारा आयोजित विशेष जलवायु कार्यक्रम में, COP30 के मेज़बान ब्राज़ील के राष्ट्रपति के साथ, शरीफ़ ने कहा, कर्ज़ पर कर्ज़ और कर्ज़ में और इज़ाफ़ा कोई समाधान नहीं है। उन्होंने विकसित देशों से आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने वादों का पालन करने का आह्वान किया।
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डॉन के अनुसार प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधियों को याद दिलाया कि पाकिस्तान अभी भी 2022 की बाढ़ की तबाही से उबर रहा है। जिसने 30 अरब डॉलर ($30 billion) से ज़्यादा का नुकसान पहुंचाया और लाखों लोगों को विस्थापित कर अमिट निशान छोड़ गया। उन्होंने कहा कि इस साल के मानसून ने पहले ही 50 लाख से ज़्यादा लोगों को प्रभावित किया है। चाह हजार से अधिक गांवों को तबाह कर दिया है और एक हजार से ज़्यादा जानें ली हैं। वैश्विक उत्सर्जन (global emissions) में पाकिस्तान की नगण्य भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (global greenhouse gas emissions) में नगण्य योगदान के बावजूद, हम अपने हिस्से से कहीं ज़्यादा प्रभाव झेलते हैं। प्रधानमंत्री ने जलवायु एजेंडे के प्रति इस्लामाबाद की दृढ़ और अटूट प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार शरीफ ने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) पर देश की प्रगति को भी रेखांकित किया, यह याद दिलाते हुए कि 2021 में पाकिस्तान ने 2030 तक अनुमानित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में बिना शर्त 15 प्रतिशत की कमी करने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा वर्तमान में पाकिस्तान के बिजली मिश्रण का 32 प्रतिशत से अधिक प्रदान कर रही है। सौर ऊर्जा 2021 से सात गुना बढ़ गई है और 23 हजार हेक्टेयर मैंग्रोव वनों को बहाल किया गया है। उन्होंने घोषणा की कि पाकिस्तान 2035 तक ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय और जल विद्युत का हिस्सा 62 प्रतिशत तक बढ़ाएगा।
2030 तक परमाणु क्षमता में 1,200 मेगावाट का विस्तार करेगा। वहीं परिवहन के 30 प्रतिशत को स्वच्छ गतिशीलता में स्थानांतरित करेगा और देश भर में तीन हजार चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा। योजनाओं में जलवायु-अनुकूल कृषि को बढ़ावा देना, जल सुरक्षा सुनिश्चित करना और एक अरब पेड़ लगाना भी शामिल है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने खेद व्यक्त किया कि पाकिस्तान की अनुकूलन योजना के कार्यान्वयन में अपर्याप्त अंतर्राष्ट्रीय जलवायु वित्त पोषण के कारण बाधाएं आईं है। डॉन ने लिखा कि उसी कार्यक्रम में अपने भाषण में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (UN Secretary-General Antonio Guterres) ने कहा कि सदी के अंत तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5°C तक सीमित करना अभी भी संभव है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, सारांश स्वच्छता प्रतिस्पर्धी है और जलवायु कार्रवाई अनिवार्य है। गुटेरेस ने ब्राज़ील में (COP30) की आवश्यकता पर ज़ोर दिया ताकि एक विश्वसनीय वैश्विक प्रतिक्रिया योजना प्रस्तुत की जा सके, जिसमें 2035 तक जलवायु वित्त पोषण के लिए सालाना 1.3 ट्रिलियन डॉलर जुटाना शामिल है। उन्होंने प्रभावी ऋण राहत और ऋण अदला-बदली तथा आपदा विराम खंड जैसे उपायों का आह्वान किया और कहा कि जिन विकासशील देशों (developing countries) ने संकट पैदा करने में सबसे कम योगदान दिया है। वही सबसे ज़्यादा पीड़ित हैं।