पंचांग • रविवार, 12 सितंबर, 2021
विक्रम संवत – 2078, आनंद
शक संवत – 1943, प्लावस
पूर्णिमांत – भाद्रपद
अमंत मास – भाद्रपद
पढ़ें :- मंगलवार को करते हैं भगवान हनुमान जी की पूजा और व्रत, तो जरुर पता होनी चाहिए ये बातें
तिथि
शुक्ल पक्ष षष्ठी – 11 सितंबर 07:37 अपराह्न – 12 सितंबर 05:20 अपराह्न
शुक्ल पक्ष सप्तमी – 12 सितंबर 05:21 अपराह्न – 13 सितंबर 03:11 अपराह्न
नक्षत्र
विशाखा – 11 सितंबर 11:23 पूर्वाह्न – 12 सितंबर 09:50 पूर्वाह्न
अनुराधा – 12 सितंबर 09:50 पूर्वाह्न – 13 सितंबर 08:23 पूर्वाह्न
करण
कौलवा – सितंबर 11 07:37 अपराह्न – 12 सितंबर 06:28 पूर्वाह्न
तैतीला – सितम्बर 12 06:28 पूर्वाह्न – 12 सितम्बर 05:21 अपराह्न
गरिजा – 12 सितंबर 05:21 अपराह्न – 13 सितंबर 04:15 पूर्वाह्न
वनिजा – 13 सितंबर 04:15 पूर्वाह्न – 13 सितंबर 03:11 अपराह्न
योग
वैधृति – 11 सितंबर 02:41 अपराह्न – 12 सितंबर 11:43 पूर्वाह्न
विशकंभा – सितम्बर 12 11:43 पूर्वाह्न – 13 सितम्बर 08:50 पूर्वाह्न
पढ़ें :- 19 नवम्बर 2024 का राशिफल: इन राशि के लोगों को मिलेगा भाग्य का साथ
वारा
रविवर (रविवार)
सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय – 6:16 AM
सूर्यास्त – 6:29 अपराह्न
चंद्रोदय – सितम्बर 12 11:21 AM
चंद्रास्त – सितम्बर 12 10:32 अपराह्न
अशुभ काल
राहु – 4:58 अपराह्न – 6:29 अपराह्न
यमगंडा – 12:23 अपराह्न – 1:54 अपराह्न
गुलिक – 3:26 अपराह्न – 4:58 अपराह्न
दुर मुहूर्त – 04:52 अपराह्न – 05:40 अपराह्न
वरज्यम – 01:36 अपराह्न – 03:06 अपराह्न
शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त – 11:58 पूर्वाह्न – 12:47 अपराह्न
अमृत काल – 10:37 अपराह्न – 12:07 पूर्वाह्न
ब्रह्म मुहूर्त – 04:40 पूर्वाह्न – 05:28 पूर्वाह्न
आनंददी योग
उत्पन्ना तक – 09:50 AM
मृत्यु
पढ़ें :- Tulsi Mala : तुलसी माला धारण के ये है नियम , ये ग्रह मजबूत होते है
सूर्या रसी
सिंह में सूर्य (सिंह)
चंद्र रासी
चंद्रमा वृषिका (वृश्चिक) में भ्रमण करता है
चंद्र मास
अमंता – भाद्रपद
पूर्णिमांत – भाद्रपद
शक वर्ष (राष्ट्रीय कैलेंडर) – भाद्रपद 21, 1943
वैदिक ऋतु – वर्षा (मानसून)
ड्रिक रितु – शरद (शरद ऋतु)
चंद्राष्टम
1. अश्विनी, भरणी, कृतिका प्रथम १ पदम