नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने गुरुवार को दिल्ली सर्विस बिल (Delhi Service Bill) पर संसद में बोलते हुए कहा कि जिसका विरोध कर रहे वो पंडित नेहरू की सिफारिश थी। उन्होंने कहा कि बड़े नेताओं ने दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है।
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शाह ने आगे कहा कि नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं। विधेयक या कानून देश के भले के लिए विधेयक या कानून बनाया जाता है। चाहे कितनी भी भ्रष्टाचार हो, चाहे कितने करोड़ का बंगला बने उसको छुपाना एलायंस का करना नहीं होना चाहिए। शाह ने कहा कि गठबंधन के लिए देश की जनता की बलि न चढ़ाएं। गठबंधन के लिए विधेयक का विरोध न करें।
केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) ने कहा कि दिल्ली न पूर्ण राज्य है और न ही संघ शासित प्रदेश है। विपक्ष को निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि विपक्ष गठबंधन की नहीं, दिल्ली की भी सोचें। उन्होंने कहा कि नेहरू जी ने कहा था कि दिल्ली में 3/4 संपत्ति केंद्र की है। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा का विरोध नेहरू जी ने किया था।
लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल (Delhi Service Bill) पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई, जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था, सेवा करना नहीं। समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्जा करना है।