नई दिल्ली। संसद में बीते 13 दिसंबर को घुसपैठ करने वाले दो आरोपियों और उनके सहयोगियों को गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया। अदालत ने चारों आरोपियों को सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। वहीं, संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही (Lok Sabha Proceedings) के दौरान सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले के बाद वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर तमाम सवाल उठ रहे हैं।
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लोकसभा में कूदने वाले दोनों लोगों का नाम सागर शर्मा और मनोरंजन डी है। वहीं, संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान नीलम और अमोल शिंदे के रूप में हुई है। सुरक्षा के पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के बावजूद लखनऊ निवासी सागर शर्मा और मैसूर निवासी डी मनोरंजन संसद में जूते में छिपाकर स्मोक केन (धुआं बम) लेकर घुस गए। वहीं, संसद के बाहर पुलिस के सामने ही नीलम व अमोल शिंदे ने पीले व लाल रंग के स्मोक केन चला दिए और पुलिस उन्हें रोक नहीं पाई।
गुरुग्राम में ठहरे थे आरोपी, कई बिंदुओं पर जांच करेगी पुलिस
संसद में कलर स्मोक उड़ाने वाले आरोपी व उनके साथी गुरुग्राम सेक्टर-7 एक्सटेंशन (Gurugram Sector-7 Extension) के हाउसिंग बोर्ड (Housing Board) के एक घर में ठहरे थे। यहीं पर ही संसद की सुरक्षा को भेद कर हड़कंप मचाने की पटकथा लिखी गई थी। पूरे मामले का खुलासा करने के लिए दिल्ली और कमिश्नरेट पुलिस (Commissionerate Police) की पुलिस के साथ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (National Investigation Agency) भी जुट गई हैं। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल चारों आरोपियों की शैक्षिक पृष्ठभूमि, किसी विरोध प्रदर्शन या रैली सहित उनकी पिछली गतिविधियों के बारे में पता लगाएगी। साथ ही क्या वे कल की घटना से पहले संसद गए थे, उनकी सोशल मीडिया गतिविधियों सहित अन्य तमाम बिंदुओं की जांच करेगी।
22 साल पहले लोकतंत्र के मंदिर पर हुआ था हमला
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देश के लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर पर 22 साल पहले 13 दिसंबर को आतंकी हमला हुआ था। कार सवार पांच आतंकी सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर संसद भवन परिसर (Parliament House Complex) में घुस गए थे। हथियारों व गोला-बारूद से लैस आतंकियों ने कार से उतरते ही ताबड़तोड़ गोलियां चलाना शुरू कर दिया था। इससे संसद भवन के सुरक्षाकर्मियों सहित कुल नौ लोग शहीद हो गए थे।