Parshuram Jayanti 2022 : हिंदू धर्म में भगवान के अवतार की कथा प्रचलित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,पृथ्वी पर ऋषि मुनियों और ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचार को समाप्त करने के लिए श्रीहरि भगवान विष्णु ने परशुराम का अवतार धारण किया था। पौराणिक वृत्तान्तों के अनुसार परशुराम का जन्म महर्षि भृगु के पुत्र महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से हुआ। वैदिक पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती मनाई जाती है। भगवान परशुराम की जयंती देश भर में बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन लोग विधि विधान से भगवान परशुराम की पूजा अर्चना करते है और जगह जगह पर यज्ञ और अनुष्ठान का आयोजन होता है।मंदिरों पर भण्डारे का आयोजन होता है। लोग गरीबों और असहायों में दान करते है। इस दिन दान की बहुत महिमा बतायी गयी है।
पढ़ें :- Tulsi Vivah 2024 : तुलसी विवाह के दिन करें ये उपाय , दूर होती है पैसों से जुड़ी परेशानी
परशुराम जयंती 2022 – 3 मई 2022, मंगलवार
तृतीया तिथि की शुरुआत – 3 मई, मंगलवार प्रात: 5:20 से
तृतीया तिथि की समाप्ति – 4 मई 2022, बुधवार को सुबह 7:30 बजे तक
इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान कर विधि विधान से भगवान परशुराम की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और समस्त कष्टों का निवारण होता है। संतान प्राप्ति के लिए भी परशुराम जयंती का विशेष महत्व है।