Pegasus Update: पेगासस को लेकर देश में एक बार फिर से राजनीति गरमाने लगी है। विपक्ष इसको लेकर सरकार पर हमलावर हो रहा है। दरअसल, अमेरिकी अखबरा न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2017 में पेगासस की डील की थी। ये डील उस दौरान हुई थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल गए थे।
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मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राज नेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस ख़रीदा था। फ़ोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है।
मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है। pic.twitter.com/OnZI9KU1gp
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2022
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उस दौरान दो अरब डॉलर का रक्षा सौदा हुआ था। इस सौदे में पेगासस को लेकर भी डील हुई थी। वहीं, इसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि, ‘मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राज नेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस ख़रीदा था। फ़ोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है। मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है।’
Why @narendramodi is silent? It is @PMOIndia’s duty to clarify. New York Times revelations today that It did indeed subscribe by payment from tax payers money of ₹ 300 crores to spyware Pegasus sold by Israeli NSO company. This implies our Govt misled Supreme Court & Parliament pic.twitter.com/j9J2tAP62X
— Shaktisinh Gohil MP (@shaktisinhgohil) January 29, 2022
इसके साथ ही कांग्रेस सासंद शक्ति सिंह गोविल ने ट्वीट कर मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि मोदी सरकार क्यों चुप है? न्यूयॉर्क टाइम्स ने आज खुलासा किया कि उसने वास्तव में इजरायली एनएसओ कंपनी द्वारा बेचे गए स्पाइवेयर पेगासस को करदाताओं के 300 करोड़ के भुगतान से सदस्यता ली थी। इसका मतलब है कि हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और संसद को गुमराह किया।