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वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद लोगों ने बरती लापरवाही, इसलिए बढ़े केस : एम्स निदेशक

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है, अस्पतालों में बेड फुल हैं, जिससे अस्पताल के बाहर मरीजों की मौत हो रही है। कोरोना की चौथी लहर बहुत ही खतरनाक साबित हो रही है। इस बीच एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इससे पहले कोरोना से बचाव के लिए जो कर रहे थे, वही फिर से करने की जरूरत है।

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उन्होंने कहा कि यह याद रखना होगा कि कोई भी टीका शत प्रतिशत कारगर नहीं होता है, टीका लगाने के बाद आपको संक्रमण हो सकता है, लेकिन शरीर में एंटीबॉडी कोरोना वायरस को तबाही मचाने नहीं देगा। आपको गंभीर बीमारी नहीं होगी। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि छह-सात महीने पहले की तुलना में दिल्ली में एक बड़ा हॉटस्पॉट देखने को मिल रहा है। कोरोना से बचाव ही इसका इलाज है।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा समय है, जब हमारे देश में बहुत सारी धार्मिक गतिविधियां चल रही हैं। देश के कई राज्यों में चुनाव भी हो रहे हैं। हमें समझना चाहिए कि जीवन भी महत्वपूर्ण है। हम इस पर कुछ प्रतिबंध लगाकर कर सकते हैं, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत न हों और कोरोना के दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया जा सके।

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोरोना मामलों में वृद्धि का कारण बहुत हैं, लेकिन इसके दो मुख्य कारण हैं। जब जनवरी और फरवरी में टीकाकरण शुरू हुआ और मामलों में कमी आई तो लोगों ने कोरोना नियमों का पालन करना बंद कर दिया। जिसके कुछ दिन बाद ही वायरस तेजी से फैल गया है।

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