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पीएम मोदी आज 1.5 किमी लंबी मालगाड़ी को दिखाएंगे हरी झंडी

By टीम पर्दाफाश 
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नई दिल्ली: कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन से चलने वाली डेढ किलोमीटर लंबी दुनिया की पहली डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरुवार को वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के रेवाड़ी-मदार खंड की शुरुआत करेंगे। पीएम मोदी का ये कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुबह 11 बजे होगा। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और राजस्थान और हरियाणा के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। ये जानकारी प्रधानमंत्री ऑफिस ने दी है।

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इस कार्यक्रम को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार (7 जनवरी) को ट्वीट कर कहा था कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा चलने वाली 1.5 किलोमीटर लंबी दुनिया की पहली डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन को कल रवाना किया जाएगा। ये आर्थिक गतिविधियों को लाभ पहुंचाएगा और कई नागरिकों के लिए समृद्धि सुनिश्चित भी करेगा। पीएम मोदी ने ये भी कहा था कि इससे स्थानीय उद्योग और कनेक्टिविटी को भी लाभ मिलेगा। क्या होता है DFC कॉरिडोर समर्पित माल गलियारा यानी DFC कॉरिडोर एक सुरक्षित और कुशल माल परिवहन प्रणाली के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान में हरियाणा और महाराष्ट्र को जोड़ने वाले पश्चिमी DFC और पंजाब और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाले पूर्वी DFC निर्माणाधीन हैं।

पश्चिमी और पूर्वी डीएफसी की संयुक्त लंबाई लगभग 2,843 किमी है। उत्तर-दक्षिण (दिल्ली-तमिलनाडु), पूर्व-पश्चिम (पश्चिम बंगाल-महाराष्ट्र), पूर्व-दक्षिण (पश्चिम बंगाल-आंध्र प्रदेश) और दक्षिण-दक्षिण (तमिलनाडु-गोवा) DFC की योजना बनाई जा रही है। जानें WDFC का रेवाड़ी-मदार खंड के बारे में रेवाड़ी-मदार खंड हरियाणा में, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिलों में लगभग 79 किमी और राजस्थान में लगभग 227 किमी, जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर और अलवर जिलों में स्थित है। इसमें नौ नवनिर्मित डीएफसी स्टेशन शामिल हैं, जिनमें से छह न्यू डाबला, न्यू भगेगा, न्यू श्री माधोपुर, न्यू पचार मलिकपुर, न्यू सकून और न्यू किशनगढ़ के क्रॉसिंग स्टेशन हैं, जबकि अन्य तीन रेवाड़ी, न्यू अटेली और न्यू फुलेरा में जंक्शन स्टेशन हैं।

ये राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के लिए क्यों मायने रखता है? वर्तमान में हमारे देश में, मालगाड़ियों को यात्री ट्रेनों के इतनी प्राथमिकता नहीं दी जाती है। ये प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद कम से कम 70 फीसदी माल गाड़ियों को DFCCIL नेटवर्क पर स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा, इससे भविष्य में अधिक यात्री ट्रेनों की शुरुआत हो सकती है। डीएफसी पर ट्रैक भारतीय रेलवे के अधिकांश हिस्सों की तुलना में भारी भार उठाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। DFC को पैरेंट इंडियन रेलवे से ट्रैक एक्सेस चार्ज मिलेगा, साथ ही वह खुद का फ्रेट बिजनेस भी तैयार करेगा।

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