लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित प्रदेशस्तरीय बैठक में विकास कार्यों, कानून व्यवस्था और आगामी पर्व-त्योहारों की तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था, सतत संवाद और सभी वर्गों से मिल रहे सहयोग का ही परिणाम है, कि हाल के वर्षों में प्रदेश में सभी पर्व-त्योहार शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हो रहे हैं। बेहतर टीमवर्क और जनसहयोग का यह क्रम सतत जारी रखा जाए।
पढ़ें :- महाकुंभ-2025 की तैयारियों पर अखिलेश यादव ने उठाया सवाल, कहा-भाजपावाले तो कहीं खाने-कमाने या चुनाव के जोड़-जुगाड़ में लगे होंगे
उन्होंने कहा, आगामी 16 सितंबर को बारावफात के अतिरिक्त अनंत चतुदर्शी तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा। इसके उपरांत, पितृ पक्ष प्रारंभ होगा और 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र, विजयादशमी का उत्सव है। कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। पुलिस-प्रशासन को 24×7 सतर्क-सावधान रहना होगा। हर पर्व शांति और सौहार्द के साथ संपन्न हों। इसके लिए स्थानीय आवश्यकताओं को देखते हुए सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं। शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ाई से पेश आएं। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ कठोरता बरती जाए।
साथ ही कहा, पर्व और त्योहार खुशियों का अवसर होते हैं और हर व्यक्ति उल्लास-उमंग और आह्लाद में होता है। शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। पिछले अनुभवों के दृष्टिगत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाएं। माताओं, बहनों और बेटियों की सुरक्षा प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इससे किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। चेन स्नेचिंग, ईव टीजिंग की छोटी से छोटी सूचना पर तत्काल एक्शन होना चाहिए। महिला पुलिस बीट अधिकारियों को एक्टिव रखें। पेट्रोलिंग जारी रखें। ऐसी घटनाओं पर बीट सिपाही से लेकर डिप्टी एसपी तक की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
शासन स्तर पर प्रत्येक दिन हर जनपद की समीक्षा की जा रही है। जनपदों की हर घटना, हर अधिकारी की गतिविधि की मॉनिटरिंग हो रही है। ऐसा ही प्रयास जोन और रेंज स्तर के अधिकारियों द्वारा अपने प्रभार के क्षेत्र में किया जाना चाहिए। पुलिस कमिश्नर हर दिन डीजीपी को अपने कमिश्नरेट की रिपोर्ट दें। भारत सरकार ने योजनाओं के लिए बजट आवंटन के लिए प्रदर्शन को मानक बनाया है। जो राज्य जितना अच्छा कार्य करेगा, भारत सरकार से उसे उसी प्रकार सहयोग दिया जाएगा। ऐसे में सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव अपने विभागीय मंत्री के साथ भारत सरकार में संबंधित मंत्रालय से संवाद कर केंद्रीय योजनाओं में प्रदेश की सहभागिता बढ़ाएं।