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कफन पर हो रही है राजनीति: हत्यारों का कौन है मददगार, ना हुआ एनकाउंटर ना हुए गिरफ्तार

By आराधना शर्मा 
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उत्तर प्रदेश: अंबेडकर नगर मल्लू पुर मजगावा सगे दोहरे भाइयों के हत्याकांड के 5 दिन बीत जाने के बाद भी हत्यारे फरार है ना तो उनकी गिरफ्तारी हुई ना ही उनके घरों पर बुलडोजर चला और ना ही उनमें से किसी का एनकाउंटर हुआ। इन अपराधियों का आका कौन है ? जो इनको बचाने में मदद कर रहा है। यह राजेसुलतानपुर अंबेडकर नगर में चर्चा का विषय है।

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आखिर राजेसुल्तानपुर पुलिस तमाम निर्दोष लोगों को थाने में बंद कर हत्या की कौन सी जांच कर रही है। क्या यह वही पुलिस है जो विकास दुबे को और उनके साथियों को 5 दिन के अंदर मार कर न्याय का प्रदर्शन किया था।  तो अब यह प्रदर्शन पुलिस किसके दबाव में नहीं कर पा रही है ?निश्चित ही अपराधियों के आका कहीं ना कहीं से पुलिस पर दबाव बनाकर अपराधियों की मदद कर रहे होंगे।

अगर ऐसा नहीं होता तो विक्ररू कांड कानपुर में पुलिस ने 5 दिन के अंदर ही सारे अपराधियों को पकड़ लिया था या मार दिया था। तो वही तेजी पुलिस मल्लू पुर मझगवां दोहरे सगे भाइयों के हत्याकांड में क्यों नहीं दिखा पा रही है। यह क्षेत्र में चर्चा का विषय है क्षेत्रवासियों का कहना है जिस तरह हाथरस की बेटी बहन मनीषा बलात्कार हत्याकांड पाल हत्याकांड बलिया पुलिस ने जो भूमिका निभाई है वही भूमिका पुलिस मल्लू पुर मझगवा राजेसुलतानपुर अंबेडकर नगर में दोनों सगे भाई ब्राह्मण बंधुओं के मामले में निभाने जा रही है।

हत्यारों को धरती ने अपने कोख मैं समा लिया कि आसमान ने अपने आगोश में समा लिया ? जो हत्यारे ढूंढे नहीं मिल रहे हैं अब एक बात उठने लगी है क्या उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म देखकर न्याय अन्याय होगा। योगी सरकार के विक्ररू कांड की सब ने सराहना की थी और सबको लगा था इससे समाज भय मुक्त होगा और अपराधी भय खाएंगे लेकिन लगातार हाथरस बलिया और अंबेडकर नगर दोहरे ब्राह्मण भाइयों के हत्याकांड में प्रशासन ने जो कार्य शैली अपनाई उससे बिक्ररू कांड की धमक कमजोर पड़ गई। और अपराधी अपने आप को भयमुक्त समझने लगे हैं, और समाज में सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।

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सरकार का यह दो मुहा हरवैया इस सरकार के ताबूत में आखिरी कील ना ठोक दे। और सरकार का राम नाम सत्य ना कर दे। उधर भाजपा नेताओं में या अन्य पार्टी के नेताओं में मल्लू पुर मजगामा का दर्शन करने के लिए होड़ लगी हुई है कि कहीं ब्राह्मण वोट भाजपा से बिखर ना जाए। और अन्य पार्टियां नाराज ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने पर मल्लू पुर मजगामा का दर्शन करने तुल गई हैं। लेकिन कोई भी पार्टी वोट की राजनीति में मल्लूपुर मझगवां दो सगे भाइयों के हत्याकांड बुलडोजर चलाने और एनकाउंटर करने की बात नहीं कर रही हैं।

रिपोर्ट अजय तिवारी

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