Rahu ketu in kitchen : राहु और केतु कुंडली के ग्रह है।राहु 3 नक्षत्रों पर शासन करता है – मेष, स्वाति और शतभिषा। राहु की स्थिति व्यक्ति के पेटेंट गुणों को दर्शाती है। यह वर्तमान जन्म में उसके अब तक के कार्यों का भी वर्णन करती है। केतु की स्थिति व्यक्ति के पिछले जन्म के दौरान मौजूद गुणों को भी दर्शाती है। केतु की स्थिति व्यक्ति के पिछले जन्म के दौरान मौजूद गुणों को भी दर्शाती है।
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यदि राहु और केतु कुंडली में नीच स्थान पर बैठे है तो ये जातक के जीवन में परेशानियों का चक्र चलाते रहते है। वहीं दूसरी तरफ यदि ये ग्रह उच्च स्थान पर बैठे है तो जातक के जीवन में सुख-सुविधा की झड़ी लगा देते है। वास्तु के अनुसार, ये ग्रह घर में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा को नकारात्मक ऊर्जा में बदल देते हैं। राहु और केतु का संबंध घर में मौजूद किचन से है।
घर में पूजा घर के बाद रसोई का अहम स्थान होता है। किचन में रखे बर्तनों की साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर आप घर और खुद को राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से बचाए रखना चाहते हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।
राहु-केतु का संबंध कढ़ाई और तवे से है
वास्तु जानकारों का कहना है कि तवे को ऐसी जगह रखना चाहिए, जहां पर किसी की नजर न पड़े। खासतौर से बाहर आने वाले लोगों की नजर से बचाकर रखना चाहिए। ऐसा भी माना जाता है कि रात को खाना बनाने के बाद तवे को धोकर ही रखना चाहिए। कहा जाता है कि किचन में तवा और कढ़ाई को कभी उल्टा नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर पर राहु का प्रभाव बढ़ने लगता है और नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।