Rahu Ketu Transit 2026 : ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु दोनों को ही छाया ग्रह माना गया हैं। भारतीय ज्योतिष के अनुसार सूर्य और चंद्र के परिक्रमा पथों के दो बिंदु हैं। इन्हें “छाया ग्रह” कहा जाता है क्योंकि ये वास्तविक खगोलीय पिंड नहीं हैं, बल्कि छाया के रूप में देखे जाते हैं। इसी प्रकार ये ग्रह वैदिक ज्योतिष में कर्म, घटित होने वाला परिवर्तनीय परिणाम, अचेतन प्रवृत्तियों और जन्म कुंडली के गुप्त क्षेत्र को उजागर करने वाले मानते हैं।
राहु
राहु आकस्मिक, असामान्य, तीव्र लालसा और आकांक्षा का प्रतिनिधि है – वह जहां स्थित होता है वहां असीमित इच्छा, उलझन और कभी-कभी धोखे, छल या अचानक पारिवारिक/सामाजिक घटनाएं ला सकता है।
गोचर
साल 2026 में राहू का गोचर दो बार होगा। एक बार अगस्त 2026 में होगा और फिर 5 दिसंबर को राहू राशि परिवर्तन करेंगे। अगस्त 2026 में ये ग्रह कुंभ राशि में रहते हुए धनिष्ठा नक्षत्र में गोचर करेगा। वहीं, दिसंबर में ये कुंभ राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस ग्रह के गोचर का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है।
राहु
राहु आकस्मिक, असामान्य, तीव्र लालसा और आकांक्षा का प्रतिनिधि है – वह जहां स्थित होता है वहां असीमित इच्छा, उलझन और कभी-कभी धोखे, छल या अचानक पारिवारिक/सामाजिक घटनाएं ला सकता है।
गोचर
साल 2026 में राहू का गोचर दो बार होगा। एक बार अगस्त 2026 में होगा और फिर 5 दिसंबर को राहू राशि परिवर्तन करेंगे। अगस्त 2026 में ये ग्रह कुंभ राशि में रहते हुए धनिष्ठा नक्षत्र में गोचर करेगा। वहीं, दिसंबर में ये कुंभ राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस ग्रह के गोचर का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है।
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केतु
वहीं केतु वही क्षेत्र दर्शाता है जहां व्यक्ति से मोह टूटता है, जहां आध्यात्मिकता, विच्छेद, फिर भी अचानक स्वाभाविक योग्यता और भाग्य का बदलाव आता है।
गोचर
साल 2026 में राहु कुंभ (Aquarius) में रहकर सामाजिक, सामूहिक और तकनीकी क्षेत्रों पर जोर देगा। वहीं केतु सिंह (Leo) में आत्म-अभिव्यक्ति, रचनात्मकता, प्रतिष्ठा और नेतृत्व के क्षेत्रों में कटु-मीठे बदलाव लाएगा। केतु ग्रह साल 2026 की शुरुआत में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में संचार करेंगे। मार्च के महीने में 29 तारीख को केतु का मघा नक्षत्र में गोचर होगा और उसके बाद 5 दिसंबर को अश्लेषा नक्षत्र में केतु गोचर कर जाएंगे। यानी एक ही साल में 3 अलग-अलग नक्षत्रों में केतु संचार करेंगे।