Rahu Mesh Rashi Mein Gochar : ग्रह मंडल में ग्रहों के गोचर का प्रभाव राशियों पर पड़ता है। राहु महाराज अपनी चाल बदल रहे है। 12 अप्रैल दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर राहु अपनी स्वभाविक गति यानी वक्री गति से मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मायावी ग्रह राहु मंगल की स्वराशि मेष में प्रवेश करने जा रहे हैं। राहु एक खतरनाक और पाप ग्रह है। इसका परिवर्तन हर मायने में महत्वपूर्ण माना गया है। कलियुग में इस ग्रह को अत्यंत प्रभाव माना गया है। वैदिक ज्योतिष में राहु को शनि के बाद सबसे धीमी गति से गोचर करने वाला ग्रह माना गया है। राहु किसी एक राशि में लगभग डेढ़ वर्षों तक रहते हैं।
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राहु के गोचर का प्रभाव
जन्म कुंडली में राहु के मजबूत स्थिति से व्यक्ति को राजनीतिक, कूटनीतिक, विदेश यात्रा के अवसर और जोखिम भरे कार्यों में बड़ी सफलता मिलती है। वहीं राहु के बुरे प्रभाव से अचानक बड़ी हानि का सामना करना पड़ता है। राहु के अशुभ प्रभाव से मानसिक रोग और अनिद्रा की समस्या हो सकती है। राहु शनि, शुक्र और बुध से मित्रता भाव रखता है। वहीं सूर्य, चंद्रमा, मंगल और गुरु से राहु शत्रुता का भाव रखता है।