नई दिल्ली। रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2021) का त्योहार आगामी 22 अगस्त रविवार को मनाया जाएगा। यह त्योहार श्रावण नक्षत्र में मनाया जाता है, लेकिन इस बार यह सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ मनाया जाएगा। शोभन योग भी इस त्योहार को खास बना रहा है। ज्योतिषविदों (Astrologers) ने बताया कि राखी पर इस बार सालों बाद एक महासंयोग भी बन रहा है।
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ज्योतिषियों ने बताया कि रक्षा बंधन का त्योहार राजयोग में आएगा। राखी पर इस बार भद्रा का साया भी नहीं रहेगा जिसके कारण बहनें पूरे दिन भाई को राखी बांध सकेंगी। इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी और इसके साथ चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेगा।
गुरु और चंद्रमा की इस युति से रक्षा बंधन पर गजकेसरी योग (Gajakesari Yoga) बन रहा है। इस योग से इंसान को धन संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है। गज केसरी योग (Gajkesari yog) से राजसी सुख और समाज में मान-सम्मान की भी प्राप्ति होती है।
Gajakesari Yoga से किसे नहीं होगा लाभ
कुंडली में जब चंद्रमा और गुरु केंद्र में एक दूसरे की तरफ दृष्टि कर बैठे हों तो गज केसरी योग बनता है। यह योग लोगों को भाग्यशाली बनाता है, लेकिन अगर कुंडली में बृहस्पति या चंद्रमा कमजोर हो तो इस योग का लाभ नहीं मिल पाता है।
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रक्षा बंधन (Raksha Bandhan ) पर सिंह राशि में सूर्य, मंगल और बुध ग्रह एक साथ विराजमान होंगे। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। इस राशि में मित्र मंगल भी उनके साथ रहेगा, जबकि शुक्र कन्या राशि में होगा। ग्रहों का ऐसा योग बेहद शुभ और फलदायी रहने वाला है।
3 ग्रह रहेंगे एक ही राशि में
ज्योतिषविदों (Astrologers) ने बताया कि रक्षा बंधन (Raksha Bandhan ) पर ग्रहों का ऐसा दुर्लभ संयोग (Rare yog of planets made) 474 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 11 अगस्त 1547 को ग्रहों की ऐसी स्थिति बनी थी, जब धनिष्ठा नक्षत्र में रक्षा बंधन मनाया गया था। सूर्य, मंगल और बुध एकसाथ ऐसी स्थिति में आए थे।
उस समय शुक्र बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में विराजमान थे। जबकि इस वर्ष शुक्र बुध के स्वामित्व वाली राशि कन्या में स्थित रहेंगे। ज्योतिषियों ने बताया कि रक्षा बंधन पर ऐसा संयोग भाई-बहन के लिए अत्यंत लाभकारी और कल्याणकारी रहेगा। जबकि खरीदारी के लिए राजयोग भी बेहद शुभ माना जाता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
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रक्षा बंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे 13 मिनट की शुभ अवधि रहेगी। आप सुबह 5.50 से लेकर शाम 6.03 तक किसी भी वक्त रक्षा बंधन (Raksha Bandhan ) मना सकते हैं। वहीं, भद्रा काल 23 अगस्त को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
इस दिन शोभन योग सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक तक रहेगा और धनिष्ठा नक्षत्र (Dhanishtha Nakshatra) शाम 7 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। ऐसा कहते हैं कि धनिष्ठा नक्षत्र (Dhanishtha Nakshatra) में पैदा होने वाले लोगों का भाई-बहन से रिश्ता बहुत खास होता है। इसीलिए रक्षा बंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र को खास माना जा रहा है.