नई दिल्ली। योग गुरु रामदेव और एलोपैथिक डॉक्टरों के बीच इन दिनों जबरदस्त जंग छिड़ी हुई है। रामदेव के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कोरोना के लिए दी गई एलोपैथिक दवाइयों को फेल करार दिया। रामदेव ने पिछले दिनों कहा था कि डॉक्टर्स की दवाएं काम नहीं कर रही हैं, लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा से हुई है।
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उनके इस बयान पर बवाल मचा तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए बाबा के खिलाफ खड़ी हो गई। रामदेव के खिलाफ आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने शिकायत दर्ज करवा दी। साथ ही आईएमए ने बाबा रामदेव को 1000 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में उनके बयान का खंडन वीडियो और लिखित माफी मांगने को कहा गया है। रामदेव के इस बयान के बाद एक जंग छिड़ गई है, लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं।
इसी बीच एक न्यूज चैनल सेखास बातचीत में रामदेव ने कहा, मैंने एलोपैथी पर दिया बयान वापस ले लिया है। सभी स्वास्थ्यकर्मियों को मेरा नमन है। मैंने वह बातें एक व्हाट्सऐप मैसेज को पढ़ते हुए कही थी। उन्होंने कहा कि हमेशा ही एलोपैथी के सामने आयुर्वेद को नीचा दिखाया जाता है, जबकि कोरोना काल में 90 फीसदी लोग योग और आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक हुए हैं।