आगरा। यूपी (UP) के आगरा जिले (Agra District) से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रो. राम शंकर कठेरिया (Bharatiya Janata Party MP Prof. Ram Shankar Katheria) की सजा पर रोक लग गई है। जिला जज की अदालत ने भाजपा सांसद (BJP MP) के खिलाफ जारी आदेश को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही उनकी संसद सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा भी फिलहाल टल गया है। राम शंकर कठेरिया (Ram Shankar Katheria) को आगरा की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने भाजपा सांसद के खिलाफ 12 साल पुराने केस में सजा का ऐलान किया था। भाजपा सांसद को 2 साल की सजा सुनाई गई।
पढ़ें :- वाराणसी में दालमंडी बाजार की 10 हजार दुकानों पर चलेगा बुलडोजर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की रोड होगी चौड़ी
आईपीसी की धारा 147 (दंगा) और 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत सांसद को दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। आगरा जिला जज की कोर्ट में सांसद ने विशेष एमपी एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) के फैसले को चुनौती दी। जिला जज की ओर से मामले पर सुनवाई के बाद सजा पर रोक लगाने का ऐलान किया गया।
राम शंकर कठेरिया (Ram Shankar Katheria) पर 16 नवंबर 2011 को दंगा भड़काने का केस दर्ज किया गया था। रामशंकर कठेरिया (Ram Shankar Katheria) तब आगरा के सांसद थे। उन पर आरोप लगा था कि 10- 15 समर्थकों के साथ वे आगरा की बिजली वितरण फ्रेंचाइजी कंपनी टोरेंट पावर के कार्यालय में घुसे थे। कंपनी के कार्यालय में कथित तौर पर तोड़फोड़ हुई। एक मैनेजर पर हमला किया। कंपनी की ओर से रामशंकर कठेरिया (Ram Shankar Katheria) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने सांसद को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना का ऐलान किया। इस सजा के खिलाफ कठेरिया ने आगरा जिला कोर्ट में अपील की।
कोर्ट की ओर से मिली राहत
जिला कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद 2 साल की सजा पर तत्काल रोक लगा दी। साथ ही, जुर्माना राशि को भी घटा दिया। इटावा सांसद के खिलाफ सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 20 हजाा रुपए जुर्माने का ऐलान किया है। इस मामले में इटावा सांसद (Etawah MP) की याचिका पर अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी। इस सुनवाई के दौरान सजा के बिंदु पर बहस हो सकती है। जिला कोर्ट की ओर से राहत मिलने के बाद अब उनकी संसद सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा टल गया है। जिला कोर्ट की ओर से सजा के बिंदु पर फैसला आने के बाद इस मसले पर निर्णय होगा।