लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Former UP Chief Minister Mayawati) ने शुक्रवार को कहा कि ऐसे समय जब रोजगार के अवसर को अधिकतम बढ़ाकर बेरोजगारी के व्यापक जन असंतोष व आत्महत्याओं आदि को कम करने के लिए राज्य सरकारों के बीच जबर्दस्त स्पर्धा व गहमागहमी जारी है।
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खासकर एक लाख सफेद कॉलर नौकरियां देने वाली वेदान्ता-फॉक्सकॉन सेमीकण्डक्टर व चिप (Vedanta-Foxconn Semiconductor and Chip) बनाने वाली यूनिट लगाने की तमाम तैयारियों के बावजूद उसके महाराष्ट्र से गुजरात में चले जाने को लेकर दोनो बीजेपी शासित राज्यों के बीच घमासान मचा हुआ है। मामला पीएम तक पहुंच गया है, तो वही यूपी की सरकार बुल्डोजर, मदरसा सर्वे व मन्दिर-मस्जिद आदि जैसे धार्मिक विवाद उन्माद व तनाव फैलाने वाले नये-नये गैर-जरूरी मुद्दों में ही लगातार उलझी पड़ी हुई है, जो विशेषकर राज्य के व्यापक हित, जनहित व गरीबी व बेरोजगारी आदि दूर करने की जिम्मेदारी के प्रति कितना उचित व लाभकारी?
बता दें कि करीब 20 बिलियन डालर अर्थात् लगभग डेढ़ लाख करोड़ रूपये के निवेश वाली वेदान्ता-फॉक्सकॉन (ताइवान) योजना अचानक ही महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट होने पर पक्षपातीय राजनीति व राजनीतिक भेदभाव आदि के आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं । ऐसी दो और फैक्ट्री लगाने का दिलासा देकर मामले को शान्त करने का प्रयास हो रहा है, तो फिर ऐसे में कथित डबल इंजन की भाजपा सरकार होने का लाभ यूपी की सरकार क्यों नहीं ले पा रही है। ताकि यूपी को अपार पिछड़ेपन, जबर्दस्त गरीबी व उस कारण मजबूरी के पलायन आदि के अभिशाप से यथाशीघ्र थोड़ी राहत एवं मुक्ति मिल सके। यूपी को भी ऐसे वाइट कॉलर निवेश की ओर खास ध्यान देने की जरूरत है।
मायावती (Mayawati) ने कहा कि यूपी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हुए विशाल आबादी वाले राज्य होने के कारण देशी व विदेशी पूंजी निवेश व विकास आदि का जो लाभ स्वाभाविक तौर पर मिलना चाहिए। वह इस डबल इंजन की सरकार में भी नहीं मिल पा रहा है। यह बड़ी चिन्तनीय स्थिति है। पहले केन्द्र की कांग्रेस सरकार में यूपी की घोर उपेक्षा की गई। अब भाजपा सरकार में भी वैसा ही यूपी का तिरस्कार जारी है, जबकि यूपी का विकास देश के विकास के साथ अभिन्न तौर पर जुड़ा हुआ है।
लेकिन करीब 30 करोड़ की विशाल आबादी वाले यूपी राज्य का बहुप्रीतक्षित सुमचित व समग्र विकास तभी संभव है। जब यूपी की वर्तमान सरकार भी अपनी संकीर्ण, द्वेषपूर्ण व नफरती राजनीति करने की अपनी नीयत, नीति व कार्यशैली आदि को त्याग कर खासकर दलितों एवं अति पिछड़ों के साथ-साथ मुस्लिम उत्पीडन व उनके मदरसों व अन्य धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप आदि के गैर-जरूरी विवादों में न उलझकर यहां शान्ति अमन-चैन के जीवन के लिए अपना पूरा ध्यान कानून के सही राज व समतामूलक विकास की ओर केन्द्रित करंे। इसके साथ ही भ्रष्टाचार के अभिशाप से भी माहौल को पाक-साफ करें।