अयोध्या। अयोध्या राममंदिर (Ayodhya Ram Temple) में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Ramlala Pran Pratishtha Ceremony) से पहले अयोध्या में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने पूरा मोर्चा संभाल लिया है। सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सर कार्यवाह कृष्णगोपाल, भैयाजी जोशी सहित संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी अयोध्या पहुंच गए हैं। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर (All India Publicity Chief Sunil Ambekar) ने शनिवार को अयोध्या में कार्यक्रम के प्रचार से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की। संघ प्रमुख मोहनराव भागवत (RSS Chief Mohanrao Bhagwat) रविवार को अयोध्या पहुंच रहे हैं।
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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) शताब्दी 2024-25 में अपने संकल्पों की सिद्धी की ओर बढ़ रहा है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370 from Jammu and Kashmir) की समाप्ति का संकल्प 5 अगस्त 2019 को पूरा हो चुका है। अब 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Ramlala Pran Pratishtha Ceremony) के साथ ही संघ (RSS) का दूसरा बड़ा संकल्प भी पूरा हो जाएगा।
अब संघ (RSS) और अनुषांगिक संगठन देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने के अपने तीसरे संकल्प को सिद्ध करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। संघ का शताब्दी वर्ष 2024 (RSS Centenary Year 2024) में शारदीय नवरात्रि की रामनवमी से शुरू होगा, जो 2025 के शारदीय नवरात्रि की रामनवमी तक चलेगा।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi in Ayodhya) पर मंदिर निर्माण, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति और समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) संघ के तीन बड़े मुद्दे रहे हैं। इनमें से दो बड़े मुद्दे मोदी सरकार 2.0 में पूरे हो गए हैं। मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के लिए कमेटी का गठन भी हो चुका है।
सूत्रों के मुताबिक अब शताब्दी वर्ष में संघ समान नागरिक संहिता लागू (Uniform Civil Code) कराने की दिशा में आगे बढ़ेगा। अनुषांगिक संगठन इसके लिए माहौल बनाने के साथ व्यापक सहमति बनाने का प्रयास करेंगे। विहिप के अवध प्रांत के अध्यक्ष कन्हैया अग्रवाल कहते हैं कि हर वो काम जो देश के हित में है वह करना है। समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) निश्चित तौर पर एक विचारणीय बिंदु है, समय आने पर यह भी पूरा होगा।
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संघ के विस्तार में अहम भूमिका निभाएगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह
श्रीरामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Shri Ramlala Pran Pratishtha Ceremony)आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जितना भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही आरएसएस (RSS) के लिए भी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन से लेकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran Pratishtha Ceremony) की प्रत्येक तैयारी, निमंत्रण पत्र वितरण और अतिथियों के स्वागत सत्कार की कमान आरएसएस के हाथ रही है।
इस कार्यक्रम के जरिये संघ ने देश और विदेश में प्रत्येक वर्ग में अपना आधार बढ़ाया है। बल्कि 22 जनवरी को होने वाले समारोह के लिए पूरे देश में राममय माहौल बनाकर गांव-गांव और मोहल्ले मोहल्ले तक संघ की किसी न किसी रूप में उपस्थिति को साबित किया है। जानकारों का मानना है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran Pratishtha Ceremony) संघ के शताब्दी वर्ष समारोह में संघ के विस्तार में अहम भूमिका निभाएगा।
संघ ने संख्या सीमित की
संघ के सूत्रों का कहना है कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran Pratishtha Ceremony) में प्रत्येक वर्ग की भागीदारी के लिए संघ ने अपना दायरा सीमित किया है। संघ की ओर से अब 45 प्रांतों के प्रचारक, 11 क्षेत्रीय प्रचारकों के साथ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी ही समारोह में शामिल हो रहे हैं।