(Russia-Ukraine War) यूक्रेन पर हमले को रोकने के लिए बीते शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में एक प्रस्ताव रखा गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव का समर्थन नहीं करने के लिए रूस ने भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) को धन्यवाद दिया है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में रूसी राजदूत वसीली नेबेंजिया ने कहा कि हम उन लोगों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने इस मसौदे का समर्थन नहीं किया।
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यूक्रेन मसले पर रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर 11 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था, लेकिन रूस ने इस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था। परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में रूस की वीटो शक्ति के कारण निंदा प्रस्ताव पास नहीं हो सका।
अमेरिका बोला- रूस यूक्रेनी लोगों को वीटो नहीं कर सकता
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मतदान के बाद कहा कि मैं एक बात साफ कर दूं। रूस इस प्रस्ताव को वीटो कर सकता है, लेकिन हमारी आवाज़ को वीटो नहीं कर सकता है। सच्चाई को वीटो नहीं कर सकता है। हमारे सिद्धांतों को वीटो नहीं कर सकता है। यूक्रेनी लोगों को वीटो नहीं कर सकता है। बता दें कि भारत ने प्रस्ताव पर वोटिंग से परहेज करते हुए एक स्पष्टीकरण जारी किया एयर कूटनीति अपनाने पर जोर दिया। भारत ने कहा कि हमें सभी की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करना चाहिए।
जानें क्या है भारत की नीति?
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वोटिंग से दूर रहने के पीछे भारत की रणनीति का भी हिस्सा है। रूस और अमेरिका से बेहतर संबंध को देखते हुए भारत चाहे तो मॉस्को और वाशिंगटन और बातचीत के लिए एक जगह बैठा सकता है। इसके साथ ही भारत सीधे-सीधे किसी एक पक्ष को यूक्रेन मसले पर सपोर्ट करने से बचता रहा है क्योंकि भारत के दोनों पक्षों से बेहतर संबंध हैं।
यूक्रेन ने कई बार भारत से अपील की है कि वह रूस से बातचीत कर रूसी आक्रमण को रोकने की दिशा में काम करे। पीएम नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत के दौरान रूस से कूटनीति और बातचीत के माध्यम से स्थिति को हल करने की अपील की है।