कानपुर। कोरोना महामारी के बीच कानपुर में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। पिता की मौत से आहत बेटे ने भी श्मशान घाट पर दम तोड़ दिया। पिता-पुत्र की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। इसके साथ ही इस घटना के बारे में जिसने भी सुना हैरान रह गया। एक तरफ घाट पर पिता के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रहीं थी। वहीं मृतक के छोटे बेटे ने भी श्मशान घाट पर दम तोड़ दिया है। इस घटना के बाद पिता-पुत्र की एक साथ चिता जला कर अंतिम संस्कार किया गया।
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महाराजपुर थाना क्षेत्र स्थित सरसौल कस्बे में रहने वाले संतोष शुक्ला (75) लंबे अर्से से बीमार चल रहे थे। बुधवार को बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई। मृतक संतोष शुक्ला के दो बेटे है, राघवेंद्र शुक्ला और धर्मेंद्र शुक्ला। बड़े बेटे राघवेंद्र शुक्ला की शादी हो चुकी है। वहीं धर्मेंद्र शुक्ला (34) की शादी नहीं हुई थी, कस्बे में ही पान की गुमटी में बैठता था। धर्मेंद्र शुक्ला अपने पिता के सबसे करीब था। बीमारी के समय में वहीं उनकी देखभाल करता था।
अंतिम संस्कार की हो रही थी तैयारियां
बीते बुधवार को संतोष शुक्ला की मौत हो गई। दोनों बेटे पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए शव को नजफगढ़ श्मशान घाट ले गए थे। घाट पर पिता के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रहीं थी। इसी दौरान धर्मेंद्र अचानक बेहोश कर गिर पड़ा। रिश्तेदार और ग्रामीण धर्मेंद्र को सरसौल के प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। धर्मेंद्र की मौत की खबर घर पहुंची तो, परिवार में कोहराम मच गया।
पिता-पुत्र की एक साथ जलीं चिताएं
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इस घटना के बाद से मृतक के परिवार समेत पूरा गांव शोक में डूब गया। बुधवार शाम घाट पर पिता-पुत्र का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। जिसने भी यह दृश्य देखा, अपनी आंखो से आंसूओं को रोक नहीं पाया।