नई दिल्ली। गुजरात के द्वारिकाधीश मंदिर पर मंगलवार को कुदरत का कहर दिखा था। मंदिर पर आकाशीय बिजली गिरी ,लेकिन ये करिश्मा ही कहिए कि जान-माल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ। द्वारकाधीश नाम का मतलब है, द्वारका के राजा यानी भगवान श्री कृष्ण। श्रद्धालुओं का कहना है कि जब प्रभु द्वारका में विराजमान हैं तो काल भी भक्तों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
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बता दें कि भक्तों की आंखों के सामने मंगलवार को जो हुआ, उसी चमत्कार को अब सब नमस्कार कर रहे हैं। भीषण बारिश के दौरान द्वारका मंदिर के परिसर में बिजली गिरी, उस वक्त जब भक्त मौजूद थे। पूजा पाठ चल रहा था। मंदिर में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि बारिश हो रही थी, तभी ध्वजा पर बिजली गिरी, ध्वजाजी को थोड़ा नुकसान हुआ है।
जब मंदिर पर गिरी बिजली, अंदर हो रहा था पूजा-पाठ, लेकिन कुछ नहीं हुआ
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि इसके बाद प्रशासन के लोग आए और उन्होंने कहा कि ऐसी घटना के बाद जब ध्वजा चढ़ती तो आधी काटी पर चढ़ती है। द्वारिकाधीश में जब बिजली गिरी तो अंदर पूजा पाठ चल रहा था। इस दौरान मंदिर में मौजूद एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि मंदिर पर बिजली गिरी, लेकिन कुछ नहीं हुआ, हम डर गए थे।
चश्मदीदों के मुताबिक, द्वारकाधीश ही भक्तों के रक्षक बनकर खड़े हो गए। मंदिर पर बिजली गिरी लेकिन किसी का बाल भी बाका नहीं हुआ, यहां तक मंदिर को भी किसी तरह का कोई नुक़सान नहीं हुआ, सिर्फ मंदिर के शिखर पर लहरा रही ध्वजा फट गयी। जैसे ध्वजा पर बिजली गिरी, लोग बेचैन हो गए। उनको अपने से ज्यादा ध्वजा के फिर से फहराने का ख्याल था।
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मंदिर में मौजूद चश्मदीद ने कहा कि हम सोच भी नहीं सकते थे कि इतनी बारिश होगी। ध्वजा कैसे चढ़ाई जाएगी, तीन बजे बिजली गिरी, इसके बाद चमत्कार हुआ है और 3.30 बजे के बार बारिश भी बंद हो गई। इसके बाद फिर से ध्वजा चढ़ाई गई और द्वारकाधीश ने ध्वजा स्वीकार कर ली है।