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संजय सिंह का बड़ा आरोप : जिलाधिकारी लखनऊ ने बनाया भ्रष्टाचार का कीर्तिमान, ‘भाजपा का नारा है घोटालेबाज़ हमारा’

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने एक बार फिर बुधवार को योगी सरकार (Yogi Government) पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘भाजपा का नारा है घोटालेबाज़ हमारा’ है। इस ट्वीट के माध्यम से संजय सिंह ने एक खबर का उल्लेख करते हुए कहा कि राजधानी लखनऊ के अभिषेक प्रकाश(Lucknow DM Abhishek Prakash) हैं, जिन्होंने भ्रष्टाचार में कीर्तिमान बनाया है। इनकी सम्पत्ति गिनते-गिनते आप थक जाएंगे।

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बता दें कि पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह ने जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ अवैध संपत्ति, स्टांप ड्यूटी चोरी करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग से जांच कराने की मांग कर चुके हैं। डीओपीटी ने अभिषेक प्रकाश के खिलाफ जांच का पत्र राज्य सरकार को भेजा। पत्र आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ जांच के आदेश दे चुके हैं।

पूर्व सांसद ने लगाए थे ये आरोप

पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह ने IAS अभिषेक प्रकाश (IAS Abhishek Prakash) के खिलाफ साक्ष्यों सहित शिकायत भारत सरकार के डीओपीटी में की थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि IAS अभिषेक प्रकाश ने जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी रहते हुए लगभग 300 बीघे ज़मीन की ख़रीदारी की थी। यह जमीन आईएएस अभिषेक ने अपने परिजन (माता, पिता व भाई के अलावा कुछ अन्य व्यक्तियों) सहित फ़र्ज़ी कम्पनियां बनाकर उनके नाम पर की थीं।

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आरोप डीएम बरेली रहते खरीदी थी 400 बीघे जमीन

इसके अलावा बरेली में जिलाधिकारी रहने के दौरान भी आईएएस अभिषेक प्रकाश ने करीब 400 बीघे ज़मीन ख़रीदी थी। इसके अलावा यह आरोप भी लगे थे कि इन दोनों ज़मीनों की ख़रीद में इनके द्वारा अपने डीएम होने का लाभ उठाते हुए स्टाम्प ड्यूटी की भी चोरी की गयी, जिसके बाद अब जांच कराने के आदेश दिए गए हैं।

DOPT ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए लिखा था पत्र

DOPT ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए पत्र लिखा था। भारत सरकार से पत्र आने के बाद काफी दिनों तक यूपी के नियुक्ति विभाग में यह पत्र पड़ा रहा। इसके बाद नियुक्ति विभाग ने वर्तमान डीएम लखीमपुर खीरी और बरेली से आख्या मांगा, जिसमें लखीमपुर खीरी डीएम ने मामले का गोलमोल जवाब शासन को भेज दिया, जबकि बरेली डीएम ने शासन को पत्र लिखते हुए कहा कि मामला अति गम्भीर है, जो स्टाम्प चोरी के साथ-साथ राजस्व से भी जुड़ा हुआ है। आरोपी विशेष सचिव स्तर का है। अतः पूरे मामले की जांच अपर मुख्य सचिव रैंक से कराने के लिए अनुरोध किया था।

 

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