Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Sankashti Chaturthi 2024 : संकष्टी चतुर्थी के दिन तिल के लड्डू या मोदक का लगाएं भोग , अचानक धन मिलता है

Sankashti Chaturthi 2024 : संकष्टी चतुर्थी के दिन तिल के लड्डू या मोदक का लगाएं भोग , अचानक धन मिलता है

By अनूप कुमार 
Updated Date

Sankashti Chaturthi 2024 : संकष्टी चतुर्थी, भगवान गणेश को समर्पित एक पवित्र दिन है। यह दिन हिंदू पंचांग के हर चंद्र महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। संकष्टी चतुर्थी को संकट हर चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रमा उदय होने तक व्रत रखा जाता है।  मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

पढ़ें :- Gautam Adani Gitapress Trust Board Meeting : गीताप्रेस के कार्यों में सहभाग करेगा अदाणी समूह,  गौतम अदाणी ने ट्रस्ट बोर्ड के साथ बनाई योजनाएं

संकष्टी चतुर्थी तिथि  
इस साल संकष्टी चतुर्थी की तिथि 20 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 21 अक्टूबर की सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार, 21 अक्टूबर के दिन ही संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट बताया जा रहा है।

जलाभिषेक करें
इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए जलाभिषेक करें, पुष्प, फल चढ़ाएं, पीला चंदन लगाएं।
भोग
तिल के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
मंत्र
ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
आरती
पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें। चंद्रमा को अर्घ्य दें। व्रत का पारण करें।

अंगारकी संकष्टी चतुर्थी
अगर चतुर्थी का दिन मंगलवार हो, तो इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।

पढ़ें :- Maha Kumbh 2025: एप्पल उत्तराधिकारी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी कुंभ में करेंगी कल्पवास, स्वामी कैलाशानंद ने नाम रखा कमला
Advertisement