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सत्यपाल मलिक का ‘U-Turn’, अंबानी डील में RSS का नाम लेना बड़ी भूल , तो राम माधव बोले-आरोपों की हो जांच

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) के अक्सर अपने तीखे बयानों से मीडिया क सुर्खियों में बने हुए हैं। लेकिन इस बार सत्यपाल मलिक का दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। इस वजह से इस बार बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने अंबानी डील (Ambani deal) और आरएसएस से जुड़ी कथित फाइलों को लेकर सनसनीखेज दावे राष्ट्रीय स्वयं संघ (RSS) से माफी मांग ली है। मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का उप राज्यपाल (Lieutenant Governor of Jammu and Kashmir) रहने के दौरान 300 करोड़ रुपए की रिश्वत ऑफर किए जाने के मामले का RSS से कोई मतलब नहीं। उनसे गलती हो गई और वे माफी चाहते हैं।

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बता दें कि सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने कहा था कि जिस शख्स ने मुझे फाइल दी थी, उसने खुद को आरएसएस (RSS) से जुड़ा बताया था। इस वजह से मैंने आरएसएस का नाम ले लिया, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। हालांकि, दोनों फाइलों को मैंने रोक दिया था और यह मामला खत्म हो गया है।

उन्होंने आगे कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी को इसकी पूरी जानकारी दे दी थी। और उन्होंने मेरे फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर समझौता करने की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि राजस्थान के झुंझनू में एक कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik, former Lieutenant Governor of Jammu and Kashmir) यह दावा कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी कि मेरे कार्यकाल के दौरान मुझसे कहा गया था कि यदि मैं अंबानी और आरएसएस से संबद्ध’ एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंजूरी दे दूं। तो मुझे रिश्वत के तौर पर 300 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन मैंने सौदों को रद्द कर दिया।

गवर्नर के आरोप पर राम माधव ने दी सफाई

राज्यपाल के आरोपों के बीच बीजेपी नेता राम माधव (Ram Madhav) ने पत्रकारों से कहा कि सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) जब तक जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल रहे, तब तक हुए सभी समझौतों की फ़ाइल्स की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने अप्रत्यक्ष रूप से कहा है कि जम्मू-कश्मीर में एक फाइल में मेरा नाम था और इस बारे में पैसे देने का भी जिक्र था। इस तरह के आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा नाम या मेरे कहने पर किसी तरह की फाइल का सवाल ही नहीं उठता है। माधव ने कहा कि उन्होंने दो समझौतों को रद्द कर दिया था, इन्हें क्यों रद्द किया गया? इस बात की जांच होनी चाहिए कि सरकार अगर कुछ समझौते कर चुकी है तो इन्हें रद्द क्यों किया गया?

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