Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. दुनिया
  3. सऊदी अरब ने तय की मस्जिदों में लाउडस्पीकरों की आवाज लिमिट

सऊदी अरब ने तय की मस्जिदों में लाउडस्पीकरों की आवाज लिमिट

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान लगातार उदारवादी फैसला ले रहे हैं। इसी बीच अब सऊदी अरब में मस्जिदों के लाउडस्पीकरों की आवाज की लिमिट तय करने का ऐलान किया है। मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों की आवाज अब उनकी क्षमता के एक तिहाई से अधिक नहीं हो सकेगी। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल सिर्फ अजान और इकामत के लिए ही किया जा सकेगा। इस फैसले का बचाव करते हुए सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री ने कहा कि लाउडस्पीकरों से अधिक शोर होने की तमाम शिकायतें मिली थीं। इसके बाद ही यह फैसला लिया गया है।

पढ़ें :- सपा और कांग्रेस के नेताओं के चेहरे से उड़ी हुई हवा से स्पष्ट है कि चुनाव के आधे समर में उन्होंने हार स्वीकार कर ली : सीएम योगी

क्राउन प्रिंस के फैसले से कट्टर वहाबी समूह हो सकते हैं नाराज

भले ही सऊदी अरब में महिलाओं को ड्राइविंग की छूट से लेकर अब लाउडस्पीकर की आवाज तय करने जैसे अहम फैसले हुए हैं, लेकिन इससे कट्टर तबके में नाराजगी भी बढ़ सकती है। बता दें कि किंगडम ने इससे पहले 2009 में भी ऐसा ही फैसला लिया था, लेकिन विरोध होने के चलते उस पर अमल नहीं हो सका था। हालांकि अब जारी आदेश में कहा गया है कि यदि लाउडस्पीकरों से तय लिमिट से ज्यादा शोर होता है। तो फिर मस्जिद प्रशासन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस्लामिक मामलों के मंत्री का कहना है कि यह फैसला लोगों के हित में लिया गया है।

मंत्री बोले- बुजुर्गों और बच्चों को हो रही थी परेशानी

इस्लामिक अफेयर्स मिनिस्टर अब्दुल लतीफ अल-शेख ने कहा कि नागरिकों की ओर से ऐसी शिकायतें मिली थीं कि लाउडस्पीकरों के ज्यादा शोर की वजह से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को परेशानी हो रही है। एक वीडियो संदेश में मंत्री ने कहा कि जो लोग खुदा की इबादत करना चाहते हैं। उन्हें इमाम की ओर से अजान का इंतजार करने की जरूरत नहीं होती। बता दें कि बीते कुछ दिनों में सऊदी किंगडम में ऐसे कई फैसले हुए हैं, जिन्होंने दशकों पुरानी रवायत को बदलने का काम किया है। जैसे महिलाओं को ड्राइविंग की अनुमति मिलना और सिनेमा घरों के संचालन की शुरुआत होना।

पढ़ें :- सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफ़ा, जयराम रमेश ने दी जानकारी

जानें, क्यूं सऊदी अरब हो रहा लगातार उदार?

जानकारों का मानना है कि इसकी वजह देश की छवि दुनिया भर में सुधारना है। इसके अलावा विदेशी निवेश को आमंत्रित करने के लिए भी उदारवादी नीतियों की जरूरत होती है। खासतौर पर प्लान 2030 के तहत क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उदारवादी नीतियों को लागू करने का फैसला लिया है। उनका मानना है कि कच्चे तेल के कारोबार में गिरावट के बीच भी सऊदी इकॉनमी को मजबूत करने के लिए इन सुधारों की जरूरत है।

Advertisement