उत्तर प्रदेश: पति की लंबी उम्र के लिए किए जाने वाले वट सावित्री व्रत की खासी मान्यता है। देश के कई राज्यों में महिलाएं यह व्रत रखती हैं लेकिन इस बार का वट-सावित्री व्रत बहुत खास है।
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आपको बता दें, ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को मनाए जाने वाले इस पर्व के दिन इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं। लिहाजा इस दिन व्रत रखना, वट के पेड़ की पूजा करना बहुत लाभ देगा।
बन रहा है चर्तुग्रही योग
वट सावित्री व्रत के दिन चंद्रमा अपने ही नक्षत्र यानी रोहिणी में रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक रोहिणी को सभी नक्षत्रों में सबसे शुभ माना जाता है। साथ ही वृष राशि में सूर्य, चंद्र, बुध और राहु की युति चतुर्ग्रही योगबना रही है। ये योग भी शुभ है। इसके अलावा अमावस्या पर शनि अपनी ही राशि में वक्री यानी टेढ़ी चाल से चल रहे हैं। वक्री शनि शुभ फल देते हैं। इतना ही नहीं सूर्योदय की कुंडली के लग्न भाव में शुक्र ग्रह का रहना सौभाग्य और समृद्धि बढ़ाने वाला है। कुल मिलाकर यह वट सावित्री व्रत बहुत फलदायी है।
इन उपायों से होंगे कई ग्रह दोष खत्म
ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को शनि देव के साथ ही केतु ग्रह की भी जयंती होती है। अपनी जयंती के दिन केतु, शनि के नक्षत्र में और शनि देव चंद्रमा के नक्षत्र में होकर अपनी ही राशि मकर में रहेंगे। ये स्थिति भी शुभ है और ग्रह दोषों से निजात पाने के लिए बहुत उपयुक्त भी है। इसके लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं।
- इस दिन लोटे में पानी, कच्चा दूध और थोड़े से काले तिल मिलाकर पीपल में चढ़ाएं। इससे ग्रह दोष खत्म होंगे।
- साथ ही शनि मंदिर या अपने घर की छत पर ध्वज यानी झंडा लगाना चाहिए। इससे केतु से जुड़े दोष खत्म होते है।