सावन 2021: सावन में भगवान शिव की अराधना करने का विशेष महत्व है। इस समय सावन का महीना चल रहा है। शास्त्रों में बताया गया है कि सावन में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस माह में भगवान और भक्त के बीच की दूरी कम हो जाती है। शिवजी बहुत भोले माने जाते हैं, उनका नाम मात्र लेने से वह प्रसन्न हो जाते हैं। सावन में पड़ने वाली एकादशी का विशेष महत्व है। सावन माह में भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष फल है।
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भारतीय हिन्दू संस्कृति में हर महीने की 11वीं तिथि को एकादशी का व्रत-उपवास किया जाता है। यह तिथि अत्यंत पवित्र तिथि मानी गई है। प्रत्येक मास में 2 एकादशी तिथियां आती हैं- एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में। सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी कहते है। वैसे तो सारी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है।
हिन्दी पंचांग के अनुसार, सावन पुत्रदा एकादशी व्रत सावन मास के शुक्ल की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस साल सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत 18 अगस्त को रखा जाएगा। एकादशी तिथि 18 अगस्त को प्रात: 03:20 बजे प्रारंभ होगी और इसी तारीख को देर रात 01:05 बजे समाप्त होगी।
भगवान विष्णु की विधि-पूर्वक पूजा करने के लिए इन मंत्रों का जाप फलदायी होता है।
ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।
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देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
इस व्रत का पारण अगले दिन यानी 19 अगस्त को प्रात: 06:32 बजे से प्रात: 08:29 बजे के बीच किया जाएगा।