Sawan Purnima 2021: भगवान भोलेनाथ के प्रिय महीने सावन माह की पूर्णिमा श्रावणी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म का पवित्र त्योहार रक्षा बंधन भी इसी तिथि को मनाया जाता है। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का दर्शन करना चाहिए तथा दूध, गंगाजल और अक्षत मिलाकर उन्हें अर्घ्य देना चाहिए। श्रावण और भाद्रपद मास को जोड़ने वाली तिथि है पूर्णिमा। श्रावणी पूर्णिमा सदियों से भारतीय समाज के उल्लास एवं परंपरा की प्रतिनिधि है। यह दिन नदियों और सरोवरों के जलपूरित होने के नाते न केवल जन-मन को रसाप्लावित करता है बल्कि जल-तत्व की आराधना करने की प्रेरणा भी देता है। उपनिषदों में स्पष्ट है कि जल परमात्मा का शरीर है, जो सृष्टि का उत्पादक, नियामक एवं संहारक है। वह ब्रह्म ही जब अमृत रूप में पिघलता है तो जल का स्वरूप धारण कर लेता है।
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श्रावण पूर्णिमा को दक्षिण भारत में नारयली पूर्णिमा व अवनी अवित्तम, मध्य भारत में कजरी पूनम, उत्तर भारत में रक्षा बंधन और गुजरात में पवित्रोपना के रूप में मनाया जाता है। इस साल श्रावण पूर्णिमा 22 अगस्त 2021 को मनाई जाएगी।
श्रावण, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ – 07:00 पी एम, अगस्त 21
समाप्त – 05:31 पी एम, अगस्त 22
लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा
श्रावण पूर्णिमा को लेकर मान्यता है कि शिव के साथ लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से पुण्य फल और अधिक बढ़ जाता है। इसलिए इस बार महादेव के साथ, लक्ष्मी और नारायण की पूजा करनी चाहिए।