shakun shastra : जीवन में प्रगति के पथ चलने वाले लोग हानि लाभ के कारणों के बारे में विचार करते है। लोग इस बात पर भी विचार विचार करते हैं कि शुभ अशुभ के कारणों के पीछे हमारे धर्म शास्त्र क्या मार्गदर्शन करते है। प्राचीन काल में पुरोहित से ही पूछ कर यात्रा पर विचार किया जाता है। पुरोहित भी धर्म ग्रंथों में वर्णित बातों के आधार पर यजमान को उचित सलाह देते थे। शुभ- अशुभ के बारे में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि यदि किसी को रास्ते में शुभदायक, मनोवांछित फल देने वाला रमणीय तथा मंगल-सूचक रासमंडल तथा शुभ शकुन दृष्टिगोचर हुए। बायीं ओर उन्हें सियारिन, भरा घड़ा, नेवला, नीलकंठ, मुर्दा, दिव्य आभूषणों से विभूषित, पति-पुत्रवती साध्वी स्त्री, श्वेत पुष्प, श्वेत माला, और श्वेत धान्य के शुभ दर्शन हुए।
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आचार्य वाराहमिहिर ने अपने ग्रंथ ‘बृहत् संहिता’’ में शकुनों का आधार जातक के पूर्व जन्म के शुभ-अशुभ कर्मों को बताया है। गरुड़ पुराण के अनुसार यदि यात्रा में दाहिनी ओर हरिण, सांप, बंदर, बिलाव, कुत्ता, सुअर, नीलकंठ पक्षी, नेवला तथा चूहा दिखाई दे तो यात्रा मंगलकारी होती है। शुभ -अशुभ के विचार पर शकुन शास्त्र में विस्तृत रूप से बताया गया है। आईये जानतें है जीवन से जुड़े कुछ ऐसे ही शुभ एवं अशुभ शकुन के बारे में।
1. प्रातः काल सो कर जागते ही यदि आपको मन्दिर के घंटे, शंख, भक्ति संगीत आदि का स्वर सुनाई दे तो यह काफी शुभ माना जाता है इससे आपका पूरा दिन हंसी ख़ुशी व्यतीत होगा।
2. यदि जागने पर सबसे पहले आपकी नजर दूध या दही से भरे पात्र पर पड़े तो इसे भी शुभ शकुन समझा जाता है।
3.यदि किसी कार्य से बाहर जाते हुए आपके सामने कोई व्यक्ति गुड़ ले जाता हुआ दिखाई पड़े तो यह शुभ सकुन होता है इससे आपको धन लाभ होता है।
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4. यदि रास्ते में जाते समय कोई व्यक्ति सुन्दर फूल या हरी घास लेकर जाता नजर आये या किसी की दुकान सुन्दर फूलों से सजी नज़र आये तो बहुत शुभ होता है।इससे धन लाभ होता है।
5.यदि किसी भी कार्य के लिए घर से बाहर जाते समय आपको रास्ते में साधू-सन्यासी नजर आएं तो यह भी आपकी यात्रा के लिए अति शुभ फलदायक होता है।