Shami leaves :पेड़ पौधे वातावरण की पहचान है। ज्योतिष के दृष्टि कोण से पेड़ पौधे अलग-अलग ग्रहों से संबंधित हैं। ग्रह मंडल में न्याय के देवता शनि से संबंधित पौधे का नाम शमी है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि शमी का पौधा जीवन के सभी कष्टों और परेशानियों को दूर करने का काम करता है। वास्तु के हिसाब से इसे घर में लगाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि शमी का पौधा भगवान शिव को प्रिय होता है और भगवान शिव को जल चढ़ाते समय जल में शमी का फूल या पत्ता डालने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। शनि की कृपा पाने और उनकी पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए शमी के पौधे का विशेष प्रयोग किया जाता है।
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रामायण में उल्लेख है कि जब भगवान राम ने लंका पर युद्ध से पहले विजय मुहूर्त में हवन किया था, तब शमी वृक्ष इसका साक्षी बना था और भगवान श्री राम ने भी लंका पर आक्रमण करने से पहले इस शमी पौधे की पूजा की थी। शमी के पत्तों का उपयोग भगवान गणेश और दुर्गा मां की पूजा में भी किया जाता है।
भगवान को शमी -पत्र अर्पित करते समय निम्नलिखित श्लोक बोला जाता है।
अमंगलानां शमनीम् शमनीम् दुष्कृतानाम् च।
दुःस्वप्न-नाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।
1..शमी को हमेशा घर के मुख्य दरवाजे पर लगाएं और ऐसी दिशा में हो जो घर से निकलते हुए आपके दाएं तरफ पड़े।
2..शमी की लकड़ी का उपयोग हवन में भी समिधा की तरह किया जाता है। हवन में डाले जाने वाली लकड़ियों को समिधा कहते हैं।
3.आयुर्वेद में भी शमी के वृक्ष का काफी महत्व बताया गया है।
4.बुधवार के दिन गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करने से तीक्ष्ण बुद्धि होती है।
5.शमी का पौधा घर में लगाने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होती है।
6.शमी का पौधा घर में लगाने से सुख-समृद्धि आती है।
7.ऐसा भी कहा जाता है कि शमी का पौधा घर में लगाने से वास्तु दोष भी दूर होते हैं