नई दिल्ली : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि देव जी का जन्म हुआ था। अंग्रेजी माह के अनुसार इस बार शनि जयंती 10 जून 2021 गुरुवार को मनाई जाएगी। गुरुवार को शनि जयंती है। ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को विशेष संयोग पड़ने वाला है। इस दिन सूर्य और शनि का अद्भुत योग बनेगा जो इससे पहले 148 वर्ष पूर्व देखने को मिला था। दरअसल, शनि जयंती अर्थात शनि जन्मोत्सव के दिन ही साल का पहला सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जिन राशियों पर चल रही है उनके पास शनिदेव को प्रसन्न करने का अच्छा मौका है।
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शनिदेव के संबंध में हमें पुराणों में कई कथाएं और कहानियां मिलती है। शनि जयंती या प्रति शनिवार के दिन इन विशेष मंत्रों के जाप से यश, सुख, समृद्धि, कीर्ति, पराक्रम, वैभव, सफलता और अपार धन-धान्य के साथ प्रगति के द्वार खुलते हैं।
1. ॐ शं शनैश्चराय नम:
2. ॐ प्रां. प्रीं. प्रौ. स: शनैश्चराय नम:
3. ॐ नीलांजन समाभासम्। रविपुत्रम् यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्डसंभूतम। तं नमामि शनैश्चरम्।।
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4. सूर्यपुत्रो दीर्घदेही विशालाक्ष: शिवप्रिय: द
मंदचार प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि:
5. ॐ शमाग्निभि: करच्छन्न: स्तपंत सूर्य शंवातोवा त्वरपा अपास्निधा: