Shankha: सनातन धर्म में शंख को बहुत ही पवित्र माना जाता है। देवी देवताओं को प्रसन्न करने से लेकर युद्ध तक में प्रभावशाली भूमिका निभाने वाला शंख जीवन की खुशहाली के लिये भी प्रयोग किया जाता है। प्राचीन काल से ही शंख को लोग घर के पूजा स्थल पर रखते आ रहे है। ज्योतिष शास्त्र में शंख की उपयोगिता के बारे में बहुत बारीकी से बताया गया है।
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14 रत्नों में से ये एक रत्न है
श्री विष्णु अपने एक हाथ में ‘पंच-जन्य’ नामक शंख धारण करते हैं। ‘पांचजन्य’ एक संस्कृत शब्द है जिसका व्यापक अर्थ है ‘पांचों के मिलन से पैदा हुआ’। सभी देवी-देवताओं, रामायण, महाभारत आदि के प्रमुख योद्धाओं के अपने-अपने शंख हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशिष्ट नाम है। समुद्र मंथन के दौरान १४ रत्नों में से ये एक रत्न है सुख- सौभाग्य की वृद्धि के लिए इसे अपने घर में स्थापित किया जाता है।
शंख में १००% कैल्शियम है इसमें रात को पानी भर के पीने से कैल्शियम की पूर्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि शंख को सफ़ेद कपड़े में रखने से शुक्र ग्रह बलवान होता है। आइये जानते है शंख अन्य फायदों के बारे में ।
1..शंख बजाने से हृदयाघात, रक्तचाप की अनियमितता, दमा, मंदाग्नि में लाभ होता है
2..शंख बजाने से फेफड़े पुष्ट होते है
3..शंख में पानी रखकर पीने से मनोरोगी को लाभ होता है उत्तेजना कम होती है
3..शंख की ध्वनि से दिमाग व स्नायु तंत्र सक्रिय रहता है
4..शंख में दूध भर कर रुद्राभिषेक करने से समस्त पापों का नाश होता है
5..घर में शंख बजाने से नकारात्मक ऊर्जा का व अतृप्त आत्माओं का वास नहीं होता
6.शंख सफ़ेद कपड़े में रखने से शुक्र ग्रह बलवान होता है