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शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस लिया, बोले- मेरे फैसले से कार्यकर्ताओं में था असंतोष

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) बने रहेंगे। उन्होंने इस्तीफे का फैसला वापस ले लिया है। पवार ने कहा कि मेरे फैसले से कार्यकर्ताओं में असंतोष था। इसलिए अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला वापस लेना पड़ा। बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की शुक्रवार को कोर कमेटी ने एक बैठक कर शरद पवार (Sharad Pawar) का इस्तीफा नामंजूर कर दिया था। पार्टी लगातार शरद पवार (Sharad Pawar)  से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह कर रही थी और आज भी नेताओं ने वहीं आग्रह किया।

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एनसीपी (NCP)  के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कोर कमेटी के संयोजक प्रफुल्ल पटेल (Core Committee Coordinator Praful Patel) ने शरद पवार (Sharad Pawar) के इस्तीफे को नामंजूर करने वाला प्रस्ताव को बैठक में रखा जिसे एकसुर में सभी सदस्यों ने नामंजूर कर दिया। इस दौरान दफ्तर के बाहर एक एनसीपी कार्यकर्ता ने खुद पर केरोसीन छिड़कर आत्मदाह करने की भी कोशिश की।

एनसीपी (NCP)  की बैठक शुरू होने के 10 मिनट के अंदर पवार के इस्तीफे को नामंजूर करने का फैसला ले लिया गया। यानि कमेटी पहले से ही एजेंडा तय करके आई थी। सभी नेता अब शरद पवार को मनाने जाएंगे। पार्टी नेता मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय बचा है, ऐसे में पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए फैसले लेना कठिन होगा। पार्टी नेता पवार से कह सकते हैं कि आप पार्टी अध्यक्ष पर बने रहें और जो बदलाव करें वो करें।

बैठक में पारित किए प्रस्ताव का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि ‘पिछले दो तीन दिनों में कई कार्यकर्ताओं ने अपनी भावनाएं हमारे तक पहुंचाई है। सभी कार्यकर्ता के पवार के फैसले से दुखी हैं और नाराज हैं। आज कमेटी की बैठक बुलाई थी। हम लगातार दो-तीन दिन से पवार साहब से मिल रहे थे और उनसे अपना फैसला वापस लेने का अनुरोध कर रहे थे। आज बैठक में एकमत से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि शरद पवार (Sharad Pawar)  अपना इस्तीफा वापस लें और कमेटी उनके फैसले को नामंजूर करती है।

एक तीर से साधे कई निशाने

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शरद पवार (Sharad Pawar)  के इस्तीफे की कई वजह बताई गई थी। हाल ही में एनसीपी (NCP) का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन गया था जिसके बाद पवार ने पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ने की सोची। दूसरी खबर ये आई कि एनसीपी के कुछ विधायक भारतीय जनता पार्टी (BJP)के साथ जाने वाले हैं। ऐसी स्थिति में यदि पार्टी में फूट पड़ती तो पवार के लिए मुश्किल होती, लेकिन उन्होंने ऐन वक्त पर इस्तीफे का दांव चला और तमाम पार्टी नेता एकजुट हो गए। कहा जाता है कि पवार एक तीर से दो निशाने साधते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कई निशाने साध लिए। जब पवार ने इस्तीफे का फैसला लिया था तो केवल उनके परिवार के चार सदस्यों, बेटी सुप्रिया सुले, दामाद सदानंद सुले, भतीजे अजित पवार और उनकी पत्नी पता थी।

कमेटी का किया था गठन

इससे पहले पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय करने के लिए शरद पवार ने 18 सदस्यीय समिति का गठन किया था जिसमें प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, पीसी चाको, नरहरि जिरवाल, अजीत पवार, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वलसे-पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र आव्हाड, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़ और पार्टी के अन्य शामिल थे।

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