लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों पर चाबूक चला रहे हैं। वो लगातार अपने मंत्रियों और विधायकों को भी नसीहत देते रहते हैं। साथ ही ट्रांसफर—पोस्टिंग के मामले में भी उन्हें दूर रहने की सलाह देते हैं। इन सबके बीच सरकार में कैबिनेट मंत्री की जगह राज्यमंत्री का दबदबा बढ़ता जा रहा है।
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मामला पीडब्ल्यूडी से जुड़ा हुआ है, जहां पर कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद से ज्यादा रसूख राज्यमंत्री बृजेश सिंह का दिख रहा है। बताया जा रहा है कि सहायक अभियंताओं की आज ट्रांसफर लिस्ट जारी हुई थी। हालांकि, इस दौरान राज्यमंत्री शहर में नहीं थे। उनके लखनऊ पहुंचते ही सहायक अभियंता के हुए तबादलों को निरस्त कर दिया गया। वहीं, इसको लेकर राज्यमंत्री ने अधिकारियों को जमकर क्लास भी लगाई है।
कहा जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री से ज्यादा विभाग में राज्यमंत्री का ही दखल है, जिसके कारण विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं। वहीं, सहायक अभियंताओं के ताबदले निरस्त होने के बाद कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों की माने तो कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद से ज्यादा राज्यमंत्री बृजेश सिंह का सिक्का इसमें चल रहा है। कहा जा रहा है कि राज्यमंत्री की अनुमति के बिना यहां पर ट्रांसफर पोस्टिंग भी नहीं हो रही। लिहाजा, सहायक अभियंताओं के ट्रांसफर को निरस्त कर दिया गया है।
उठ रहे ये सवाल
कहा जा रहा है कि बृजेश सिंह की जड़ें पार्टी में काफी अंदर से जुड़ी हुई हैं, जबकि जितिन प्रसाद कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। लिहाजा, बृजेश सिंह आसानी से पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों पर अपना वर्चस्व बना ले रहे हैं।