Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. Stock Market : क्रैक्स बनाने वाली कंपनी के शेयरों में लगा अपर सर्किट, 20 फीसदी चढ़ गए शेयर

Stock Market : क्रैक्स बनाने वाली कंपनी के शेयरों में लगा अपर सर्किट, 20 फीसदी चढ़ गए शेयर

By संतोष सिंह 
Updated Date

Stock Market : अपने चटपटे स्वाद की वजह से बच्चों को लुभावने करने वाला क्रैक्स (Crax) अब एक अलग वजह से चर्चा में है। इस खबर के बाहर आते ही कंपनी के शेयर उड़ान भरने लगे हैं। देखते-देखते मंगलवार को क्रैक्स बनाने वाली कंपनी डीएफएम फूड्स (DFM Foods) के स्टाॅक में 20 फीसदी का अपर सर्किट लग गया। जिसके बाद कंपनी के शेयर BSE में 304 रुपये के लेवल पर पहुंच गये। बता दें, कंपनी ने स्टाॅक मार्केट से डिलिस्टिंग (Delisting Share) के प्रस्ताव का ऐलान किया है। आइए समझते हैं कि क्या है कंपनी का प्लान और कैसा है इस स्टाॅक का अब तक का प्रदर्शन-

पढ़ें :- योगी के मंत्री मनोहर लाल के काफिले पर अटैक, सुरक्षाकर्मी और स्टाफ को पीटा, पिस्टल भी लूटी

सोमवार को कंपनी ने एक्सचेंज को बताया कि AI Global’s सभी पब्लिक शेयर्स (चाहे वह व्यक्तिगत हो या सामूहिक) को खरीदकर कंपनी को BSE और NSE से डिलिस्टिंग करना चाहती है। 15 अगस्त तक AI ग्लोबल के पास कंपनी की कुल 73.7 फीसदी हिस्सेदारी थी। डिलिस्टिंग पर कंपनी ने कहा इस पूरी प्रक्रिया में कंपनी के प्रमोटर और DFM फूड्स के प्रमोटर्स भी शामिल रहेंगे। डिलिस्टिंग को लेकर कंपनी ने बताया कि इससे ऑपरेशनल सपोर्ट बेहतर होगा।

कैसा है इस स्टाॅक का अबतक का प्रदर्शन? 

पिछले एक महीने की बात करें तो कंपनी के शेयरों में 22.55 फीसदी की उछाल देखने को मिली है। इस दौरान कंपनी के शेयर 248 रुपये से 304 रुपये के लेवल पर पहुंच गए हैं। पिछले 6 महीने पर नजर दौड़ाएं तो कंपनी के स्टाॅक ने अपने निवेशकों को BSE में 5.46 फीसदी का रिटर्न दिया है। हालांकि, पिछले एक साल में कंपनी के शेयरों की कीमतों 9.50 फीसदी  की गिरावट देखने को मिली है।

जानें क्या होता है डिलिस्टिंग प्रोसेस? 

पढ़ें :- Jhansi Medical College Fire Accident : अखिलेश यादव ,बोले - ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही, ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का मामला

कंपनी जब एक बार फिर से प्राइवेट लिमिटेड बनाना चाहती है तब डिलिस्टिंग की प्रक्रिया होती है। कंपनी तभी डिलिस्टिंग की प्रक्रिया पूरी कर सकती है। जब शेयर का भाव एक निश्चित मानक से नीचे आ जाए। दिवालिया होने पर, मर्जर होने की स्थिति में किसी तय मानक को मानने की जरूरत नहीं होती है।

 

Advertisement