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Sunita Williams : सुनीता विलियम्स बोलीं – अंतरिक्ष से अद्भुत दिखता है भारत , अपने पिता की जन्मभूमि जरूर जाऊंगी
Sunita Williams : नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Astronaut Sunita Williams) ने कहा भारत अंतरिक्ष से अद्भुत दिखता (India looks amazing from space) है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वह अपने ‘‘पिता की जन्मभूमि” (“Father’s birthplace”) जाएंगी और वहां के लोगों के साथ अंतरिक्ष खोज (Space exploration) के बारे में अपने अनुभव साझा करेंगी। सोमवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान सुनीता ने यह बात कही। सुनीता विलियम्स, साथी अंतरिक्ष यात्री बैरी “बुच” विल्मोर के साथ, अंतरिक्ष में अप्रत्याशित रूप से लंबे समय तक रहने के बाद 18 मार्च 2025 को पृथ्वी पर लौट आईं। सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर ने ‘स्पेसएक्स क्रू-9′ मिशन के तहत पृथ्वी पर लौटने के कुछ दिनों बाद अपने पहले संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। ये दोनों नौ माह से अधिक समय तक अंतरिक्ष में फंसे रहे थे।उनसे पूछा गया था कि जब वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (International Space Station) में थीं तो वहां से भारत कैसा दिखता था और अंतरिक्ष खोज पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ उनके सहयोग की कोई संभावना है? इस पर उन्होंने कहा, ‘‘भारत अद्भुत है। मैं आपको बताना चाहूंगी कि हम जब भी हिमालय के ऊपर से गुजरे तो बुच ने हिमालय की कुछ अविश्वसनीय तस्वीरें लीं। बेहद अद्भुत है।”
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आशा और यकीन है कि मैं अपने पिता के देश (भारत) जाऊंगी और लोगों से मिलूंगी तथा अंतरिक्ष के बारे में अपने अनुभव साझा करूंगी। ‘एक्सिओम मिशन’(‘Axiom Mission’) पर जा रहे भारतीय नागरिक शानदार हैं।” उन्होंने ये टिप्पणी ‘एक्सिओम मिशन 4′ (एक्स-4) वाणिज्यिक अंतरिक्ष यात्री मिशन (Commercial Astronaut Mission) का जिक्र करते हुए कीं, जिसमें भारत के मिशन पायलट शुभांशु शुक्ला (India’s mission pilot Shubhanshu Shukla) भी शामिल होंगे।
लखनऊ में जन्मे शुक्ला, 1984 में अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी राकेश शर्मा के बाद भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास वहां अपने देश का हीरो होगा जो इस बारे में बात कर सकेगा कि उनके दृष्टिकोण से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ( International Space Station ) कितना अद्भुत है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि मैं किसी समय उनसे मिल पाऊंगी और हम भारत में जितना संभव हो सके उतने लोगों के साथ अपने अनुभव साझा कर सकेंगे, क्योंकि यह एक महान देश है, एक अद्भुत लोकतंत्र है, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाले देशों में अपना पैर जमाने की कोशिश कर रहा है और हम इसका हिस्सा बनना तथा उनकी मदद करना पसंद करेंगे।”