नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को संपत्तियों को गिराने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ‘हम यह स्पष्ट करने जा रहे हैं कि सिर्फ इसलिए कि कोई आरोपी या दोषी है, उसकी संपत्ति को गिराने का आधार नहीं बनाया जा सकता।’ हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक सड़कों, सरकारी जमीन पर किसी भी अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की, जिनमें आरोप लगाया गया है कि कई राज्यों में अपराधियों, आरोपियों और अन्य की संपत्तियों को गिराया जा रहा है।
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि ‘वह संपत्तियों को ध्वस्त करने के मुद्दे पर सभी नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश तय करेगा, किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं। पीठ ने कहा कि ‘हम जो भी तय कर रहे हैं, हम इसे सभी नागरिकों, सभी संस्थानों के लिए तय कर रहे हैं, किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं। हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं। किसी धर्म विशेष के लिए अलग कानून नहीं हो सकता। पीठ ने कहा कि ‘वह सार्वजनिक सड़कों, सरकारी भूमि या जंगलों पर किसी भी अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं देगी।