अयोध्या। रामनवमी (Ramnavmi) के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला (Lord Ramlala) के मस्तक पर पहुंचाएंगे। इस दौरान सूर्य की किरण लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाएगा। जिसका शुक्रवार को पूर्वाभ्यास हुआ और प्रयोग पूर्ण रूप से सफल रहा। वैज्ञानिकों ने सफल परीक्षण के बाद यह स्पष्ट कर दिया कि भगवान रामलला (Lord Ramlala) का तिलक सूर्यदेव इस बार ही रामनवमी के मौके पर करेंगे। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मंदिर पूर्ण होने के बाद ही यह प्रयोग सफल हो सकेगा, लेकिन वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरण को शुक्रवार को भगवान रामलला (Lord Ramlala) के मस्तक तक सफलतापूर्वक पहुंचाया।
पढ़ें :- श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास PGI में भर्ती, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने डॉक्टरों को बेहतर इलाज का दिया निर्देश
श्रीरामलला के ललाट पर सूर्य तिलक का किया गया सफल परीक्षण। राम नवमी के दिन सूर्यदेव करेंगे रामलला का तिलक। इस अद्भुत क्षण का है बेसब्री से इंतजार।#ayodhya #ayodhyarammandir #AyodhyaRamTemple #suryatilak #Ramlalasuryatilak pic.twitter.com/FHDSuidxBL
— santosh singh (@SantoshGaharwar) April 13, 2024
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das, chief priest of Shri Ram Janmabhoomi) ने जानकारी दी कि सूर्य के तिलक (Surya Tilak) का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला (Lord Ramlala) के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।
पढ़ें :- अयोध्या राममंदिर गर्भगृह की टपकने लगी छत, तो अजय राय, बोले-भाजपा ने राम मंदिर में भी किया घोटाला
उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।