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शिक्षा मंत्रालय का बड़ा ऐलान : TET योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता अवधि अब आजीवन होगी

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शिक्षक बनने के इच्छुक नौजवानों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है।  केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता अवधि 2011 से पूर्वव्यापी प्रभाव से 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का ऐलान किया है। इसके बाद अब संबंधित राज्य व केंद्र शासित प्रदेश उन उम्मीदवारों को नए टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे जिनकी 7 वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है।

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बता दें कि इससे पहले साल 2020 को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ( एनसीटीई) ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की वैधता को सात से बढ़ाकर आजीवन करने का फैसला ले चुकी है। कैंडिडेट को अब अपने जीवन में केवल एक बार CTET की परीक्षा देना है। क्योंकि एनसीटीई ने इसकी वैधता को अब 7 साल से बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। एनसीटीई ने यह महत्वपूर्ण फैसला 29 सितंबर 2020 को आयोजित 50वीं आम सभा की बैठक में लिया था।

उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने CTET को पहले मान्यता दे रखी है। इसलिए एनसीईटी के इस फैसले का लाभ यूपी के बेरोजगार युवकों को भी मिलेगा। एनसीटीई ने इस फैसले की सूचना 13 अक्टूबर को दी। एनसीटीई की ओर से जारी मिनट में कहा गया है कि आगे से होने वाले सीटीईटी की वैधता आजीवन होगी।

साल में दो बार होती है CTET परीक्षा

विदित है कि सीटेट परीक्षा एक साल में दो बार आयोजित जाती है। एक जुलाई में दूसरी दिसंबर में। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद् साल में दो बार केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा ( CTET) का आयोजन करता है। सीटेट के पेपर -1 में शामिल कैंडिडेट्स प्राइमरी के लिए अर्थात कक्षा एक से कक्षा 5 तक पढ़ाने के लिए योग्य होता है। वहीं पेपर -2 में शामिल होने वाला कैंडिडेट्स कक्षा 6 से कक्षा 8 तक पढ़ाने का पात्र माना जाता है। कैंडिडेट्स को यह छूट है कि वह चाहे तो पेपर -1 में या पेपर -2 में या फिर दोनों पेपरों की परीक्षा दे सकता है।सीटेट-CTET के पहले के नियमों के अनुसार सीटेट सर्टीफिकेट की वैधता 7 साल की रहती थी, लेकिन अब यह आजीवन मान्य रहेगा।

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