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भारत के इस राज्य में नहीं बचे एक भी अत्यंत गरीब लोग, मुख्यमंत्री ने किया ऐलान

By Abhimanyu 
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Extremely poverty-free Kerala: दक्षिण भारतीय राज्य केरल लंबे समय से उच्च साक्षरता दर वाला राज्य रहा है। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में राज्य की चर्चा होती रहती है। इस बीच राज्य में गरीबी दूर करने के लिए एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केरल अत्यंत गरीबी दूर करने वाला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को इसकी घोषणा की है।

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मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केरल विधानसभा में कहा कि केरल ने चरम गरीबी (Extreme Poverty) को समाप्त कर दिया है। वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार का दावा है कि ऐसा करने वाला केरल देश का पहला राज्य है। केरल पिरवी दिवस पर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को घोषणा की कि केरल भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने अत्यधिक गरीबी उन्मूलन किया है। उन्होंने राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान यह घोषणा की।

मुख्यमंत्री आज शाम 5 बजे तिरुवनंतपुरम सेंट्रल स्टेडियम में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में इस उपलब्धि की घोषणा करेंगे। इस समारोह में राज्य के सभी मंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद है, और विपक्ष के नेता को भी आमंत्रित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि राज्य सरकार ने ₹1,000 करोड़ से अधिक के निवेश से 20,648 परिवारों के लिए रोज़ाना भोजन सुनिश्चित किया है, जिनमें से 2,210 परिवारों को ताज़ा पका हुआ भोजन मिल रहा है। इसके अलावा, 85,721 लोगों को आवश्यक चिकित्सा उपचार और दवाइयाँ प्रदान की गई हैं, जबकि हज़ारों लोगों को आवास सहायता दी गई है। उन्होंने बताया कि 5,400 से अधिक नये घर या तो पूरे हो चुके हैं या निर्माणाधीन हैं, 5,522 घरों की मरम्मत की गई है, तथा 2,713 भूमिहीन परिवारों को अपना घर बनाने के लिए जमीन दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 21,263 लोगों को पहली बार राशन कार्ड, आधार और पेंशन जैसे आवश्यक दस्तावेज प्राप्त हुए, जबकि 4,394 परिवारों को आजीविका परियोजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री विजयन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा “यह स्थानीय स्वशासन, कुडुम्बश्री और विभिन्न सरकारी विभागों का एक विशाल संयुक्त प्रयास था। यह सामाजिक न्याय, समता और करुणामय शासन का केरल मॉडल है। नव केरलम के निर्माण का अर्थ है किसी को पीछे न छोड़ना।”

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