Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. प्रबल भाग्य के लिए शनिदेव को ऐसे करें प्रसन्न, पूजा स्थल पर शनि यंत्र का करें इस्तेमाल

प्रबल भाग्य के लिए शनिदेव को ऐसे करें प्रसन्न, पूजा स्थल पर शनि यंत्र का करें इस्तेमाल

By आराधना शर्मा 
Updated Date

 नई दिल्ली: ज्योतिष में मंत्र, व्रत और यंत्र का विशेष महत्व है। ग्रहों की शुभता को यंत्र के माध्यम से सरलता से बढ़ाता जा सकता है। शनिदेव का यंत्र भोजपत्र, स्वर्णपत्र एवं चांदी के पत्र पर बनाया जाता है।  इसे बनाने के लिए सुनार का सहारा लिया जा सकता है। भोजपत्र पर स्वयं ही तैयार किया जा सकता है। इस यंत्र को पूजा स्थल में रखें। ताबीज इत्यादि में व्यवस्थित कर धारण भी कर सकते हैं।

पढ़ें :- 23 नवम्बर 2024 का राशिफल: शनिवार के दिन इन राशियों पर बरसेगी कृपा, जानिए कैसा रहेगा आपका दिन?

शनि यंत्र

12 7 14

13 11 9

8 15 10

शनि यंत्र में सबसे छोटी संख्या 7 है। सबसे बड़ी संख्या 15 है। मध्य में 11 का अंक है। किसी प्रकार सीधी रेखा में इन अंकों को जोड़ने पर 33 का योग प्राप्त होता है। शनि यंत्र नजर दोष, आर्थिक अवरोध, आकस्मिक संकट, समस्याओं और गृह कलह से रक्षा करता है। इस यंत्र के साथ शनिवार को सरसों के तेल में चेहरा देखकर दान श्रेयष्कर है। साढ़े साती, शनि की महादशा, शनि की अंर्तदशा और ढैया में इस यंत्र का प्रयोग करें।

पढ़ें :- 22 नवम्बर 2024 का राशिफल: इन राशि के लोगों को आज निवेश के लिए अच्छे अवसर मिलेंगे

शनिदेव की प्रसन्नता के लिए शनिदेव के यंत्र को चांदी पर बनवा कर शनिभक्तों और जरूरतमंदों में दान कर सकते हैं। शनि यंत्र को घोड़े की नाल को चपटाकर उस भी बनवाया जा सकता है। शनिदेव न्याय और भाग्य के कारक हैं। शनि यंत्र से अधिकारों का संरक्षण होता है। धर्म आस्था विश्वास को बल मिलता है। व्यापारिक गतिविधियों से जुड़े जनों के लिए यह यंत्र अत्यंत प्रभावकारी मान गया है। यंत्र की नियमित पूजा करने से शनिदेव को सकारात्मकता प्राप्त होती है।

Advertisement