लखनऊ। मैं कैसे कह दूं ये हादसा, इन बच्चों की मौत के जिम्मेदार कौन हैं? सियासत करने वाले आरोप प्रत्यारोप लगाकर भूल जाएंगे लेकिन जिनके घरों के चिराग बुझ गए वो खुद को कैसे संभाल पायेंगे। बच्चे की बात को यादकर परिवार के लोग रो और बिलख रहे हैं। उनके सपने टूट गए, उनके अरमान टूट गए। वो खुद को कैसे संभाल पायंगे ये तो वक्त ही बतायेगा? लेकिन ये सियासत और कोचिंग सेंटरों के मकड़ जाल में क्या ऐसे ही हमारे और आपके बच्चे पिसते रहेंगे। क्या सत्ताधारी दल की कोई जिम्मेदारी नहीं बनेगी? ये सब तो एक हादसा बताकर अपनी राजनीति चमका लेंगे लेकिन उन परिवारों का क्या जिनके बेटे और बेटियां इनके घूसकर, लापरवाह और घटिया सिस्टम की भेंट चढ़ गए।
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दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर में शनिवार को भारी बारिश के बाद राव आईएएस कोचिंग सेंटर वाली एक इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन यूपीएससी स्टूडेंट्स की मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना के बाद अब राजनीति भी तेज हो गई है। आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। लेकिन ये जिम्मेदारी लेने से बच रहे हैं। आखिर कब तक ये इस तरह से अपनी जिम्मेदारी से बचते रहेंगे। नियमों की अनदेखी कर कोचिंग चलाने वालों की देश की राजधानी दिल्ली ही नहीं कई जगहों पर भरमार है। ऐसे कोचिंग संचालकों पर कार्रवाई करने से आखिर सरकार और सिस्टम के हाथ बंध क्यों जाते हैं?
देश के कई हिस्सों में कोचिंग संस्थानों में आए दिन कुछ न कुछ बड़ी घटनाएं होती हैं लेकिन कोचिंग संचालक मजबूत पैरवी के कारण हर बार बच जाते हैं। इनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं करता। इनके लिए कोई नियम भी नहीं है। ये छात्रों से मनचाहे तरीके से फीस भी वसूलते हैं। लेकिन सरकार और सिस्टम इस पर आंखे बंद कर लेता है। आखिर सरकार ऐसा क्यों करती हैं? क्या इन कोचिंग संचालकों पर वो कार्रवाई नहीं कर सकती?
बता दें कि, दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सेंटर में एक बड़ा हादसा हो गया। स्टडी सेंटर के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में अचानक पानी घुस गया। जिसकी वजह से तीन छात्रों की मौत हो गई। इस लापरवाही को लेकर छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है तो वहीं हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है। इस पर दिल्ली में राजनीति शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों एक दूसरे पर आरोपी लगा रही हैं।