रवि पुष्य को नक्षत्रों का राजा माना गया है। इसकी साक्षी में चैत्र नवरात्र की पूर्णाहुति व श्रीराम की आराधना शुभफलदायी मानी गई है। विशेष यह भी है कि इस दिन पंचग्रही युति योग भी रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि किसी भी महापर्व के दिन योग, संयोग व विशिष्ट नक्षत्र की मौजूदगी इसकी शुभता को और बढ़ा देती है। इस बार छह अप्रैल को रामनवमी के दिन सुबह से रात्रि पर्यंत पुष्य नक्षत्र की साक्षी रहेगी।
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रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र धर्म आराधना व पूजन के लिए विशेष माना गया है। इसकी मौजूदगी में नवरात्र की पूर्णाहुति तथा प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव मनाना विशेष शुभ है। वाल्मीकि रामायण एवं रामचरितमानस में चौपाइयों के माध्यम से संकट, पीड़ा, अपमृत्यु आदि के दोष का निराकरण बताया गया है। रामायण में बहुत से छंद दोहे व चौपाइयां इस प्रकार से हैं जो मानसिक तनाव, चिंता और व्याधियों से मुक्ति का मार्ग बताते हैं। राम जन्म के समय इनका पाठ विशेष लाभ प्रदान करता है।