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जो लोग पाकिस्तान चले गए वे कायर थे, हम भागेंगे नहीं; AIMIM प्रमुख ओवैसी इस बात को लेकर हुए आगबबूला

By Abhimanyu 
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Owaisi’s reaction on Holi-Juma Controversy: होली और जुमा की नमाज एक ही दिन होने पर को लेकर कुछ समय से देश की सियासत गरमयी हुई है। इस दौरान मुस्लिम समाज को घर पर ही नमाज पढ़ने की सलाह और मस्जिदों को ढकने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने कहा कि वे लोग डरपोक थे जो पाकिस्तान चले गए। ये जियालों की औलाद हैं और भारत को ही अपना वतन मानते हैं।

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दरअसल,  उत्तर प्रदेश के संभल में सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी ने 6 मार्च को सुझाव दिया था कि जो लोग रंगों से असहज हैं, उन्हें घर के अंदर रहना चाहिए। इस बयान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी समर्थन किया था। यूपी सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रघुराज सिंह ने कहा था कि जैसे होली पर मस्जिद को तिरपाल से ढक दिया जाता है और महिलाएं हिजाब पहनती हैं, वैसे ही सफेद टोपी वाले तिरपाल का हिजाब पहनकर घर से नमाज पढ़ने के लिए निकलें, वरना घर पर ही नमाज पढ़ें। तिरपाल का हिजाब पहनने से उनकी टोपी और सफेद कपड़े रंग और गुलाल से बचे रहेंगे, क्योंकि होली साल में एक बार आती है। इस बयानों पर ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आयी है।

असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘कोई कहता है कि अगर तुम्हें डर है तो तुम नमाज मत पढ़ो, घर में बैठ जाओ। कोई कहता है कि जैसे मस्जिदों को कवर कर दिया तुम अपने सिर को कवर कर लो। कोई कहता है कि बंगाल में अगर हम हुकूमत में आ जाएंगे तो मुसलमानों को बंगाल से निकाल देंगे। अरे भाई वे डरपोक थे जो पाकिस्तान भाग गए। ये जियालों की औलाद हैं भागने वालों में से नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे लोग ईमान की दौलत से मालामाल थे। उन्होंने भारत को अपना वतन माना और मानते रहेंगे। अजीब बातें चल रही हैं।’

ओवैसी ने कहा, हमसे आत्मसम्मान छीना जा रहा है। बताया जा रहा है कि तुम दूसरे दर्जे के शहरी हो। हम तुम्हारा लोकतांत्रिक तरीके से मुकाबला करेंगे और तुम हारोगे। एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जुमे की नमाज घर में पढ़ लो। आप कब से अल्लामा बन गए। अब इनसे दीन सीखना पड़ेगा और घर में क्या-क्या कर सकते हैं। मस्जिद है, धार्मिक मान्यता की स्वतंत्रता है।’ उन्होंने, ‘हम मस्जिद को जाएंगे और मस्जिद को आबाद करते रहेंगे। आर्टिकल 25 हमें इस बात की इजाजत देता है। मैं अपना दीन तुमसे नहीं सीखूंगा।’

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