कार्तिक पूर्णिमा 2021: हिंदू शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन देवी-देवताओं को खुश करने का दिन होता है।पूर्णिमा तिथि को दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन हर व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य अनुसार दान करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन चावल का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है।
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विष्णु पुराण के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव पांच दिनों तक चलता है। यह प्रबोधिनी एकादशी के दिन से शुरू होता है और पूर्णिमा के दिन खत्म होता है।
कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 18 नवंबर (गुरुवार) दोपहर 11 बजकर 55 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 नवंबर (शुक्रवार) दोपहर 02 बजकर 25 मिनट तककार्तिक पूर्णिमा का महत्व
मां लक्ष्मी का बीज मंत्र
कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके बीज मंत्र का जाप करना चाहिए और इसके लिए कमल गट्टे की माला का उपयोग करें।
ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।
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ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:। ।