Ukraine-Russia War: यूक्रेन संकट को लेकर रूस ने भारतीय मीडिया के लिए एक एडवाइजरी जारी (Russia issued advisory for Indian media) की है। रूस ने भारतीय मीडिया (Indian media) से अपील की है कि यूक्रेन संकट को लेकर उसकी कवरेज बिल्कुल सटीक और तथ्यों पर आधारित हो। ताकि भारतीयों तक सही जानकारी पहुंचे।
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Russia did not wage a war against Ukraine and its people, but a special military operation aimed at demilitarization and denazification of Ukraine to end the eight-year war by Ukraine in Donbass https://t.co/EM4kW67xey — Russia in India
(@RusEmbIndia) February 28, 2022
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भारत स्थित रूसी दूतावास ने यूक्रेन संकट पर भारतीय मीडिया की कवरेज को लेकर लगातार कई ट्वीट्स किए हैं। जिसमें लिखा कि ‘रूस ने यूक्रेन और यूक्रेन के लोगों के खिलाफ युद्ध शुरू नहीं किया, बल्कि यूक्रेन से पश्चिमी देशों की सेना को हटाने, उसे नाजीकरण से मुक्त करने और डान्बस में यूक्रेन द्वारा जारी 8 साल के युद्ध को खत्म करने के लिए विशेष सैन्य ऑपरेशन शुरू किया है।
एक अन्य ट्वीट में रूस के दूतावास ने लिखा कि रूस की सेना बेहद संयम बरत रही है। आम लोगों और यूक्रेन के शहरों पर हमला नहीं कर रही है। रूस की सेना केवल सैन्य ढांचे को ही निशाना बना रही है। दूतावास ने कहा कि रूस की सेना यूक्रेन की तरह प्रतिबंधित हथियारों का इस्तेमाल नहीं करती है। न ही नागरिकों को अपनी ढाल बनाती है। रूस की सेना युद्ध बंदियों के साथ भी अच्छा बर्ताव करती है। इन तथ्यों के उलट सारी जानकारियां पूर्वाग्रहों से ग्रसित और भ्रामक हैं।
रूस ने कहा कि यूक्रेन में सभी न्यूक्लियर साइट्स सुरक्षित हैं। इसकी आएईए ने भी पुष्टि की है कि सभी साइट्स सुरक्षित हैं। रूस की तरफ से वार्ता और समझौते की कोशिशें लगातार की जा रही हैं। रूस ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने खिलाफ पेश हुए प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था। वीटो की वजह से यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की निंदा करने वाले प्रस्ताव को पास नहीं किया जा सका था।
रूस ने वीटो पावर के इस्तेमाल को लेकर भी एक ट्वीट किया है। रूसी यूएन मिशन ने लिखा, वीटो अधिकार कोई विशेषाधिकार नहीं है। बल्कि हितों के बीच संतुलन साधने का उपकरण है, जिसकी विश्व को सख्त जरूरत है। इस संतुलन की वजह से वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित होती है। रूस की उपेक्षा और उसका अपमान यूएन चार्टर की मूल अवधारणा के ही खिलाफ है।
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बता दें कि भारत ने अभी तक यूक्रेन मुद्दे को लेकर अपना रुख संतुलित रखा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत अनुपस्थित रहा। हालांकि, भारत ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने और संप्रभुता का सम्मान करने की अपील जरूर की है।