लखनऊ। यूपी (UP) की आईएएस अफसर अपर्णा यू ( IAS officer Aparna U) के पति जीबीएस भास्कर (GBS Bhaskar) को करीब 3,300 करोड़ के घोटाले मामले में आंध्र प्रदेश सीआईडी (Andhra Pradesh CID) की टीम नोएडा से गिरफ्तार कर ले गई। भास्कर को आंध्र पुलिस (Andhra Police) 16 मार्च को गिरफ्तार कर तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर हैदराबाद ले गई।
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भास्कर पर सरकारी योजना में फर्जीवाड़ा कर धन जुटाने आरोप है। घोटाले के वक्त अपर्णा यू (Aparna U)प्रतिनियुक्ति पर थीं आंध्र के कौशल विकास विभाग (Andhra Skill Development Department) में तैनात थीं। उस समय कौशल विकास परियोजना (Skill Development Project) के लिए सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर प्रा. लि से 58 करोड़ में सॉफ्टवेयर खरीदा गया था।
भास्कर तब कंपनी के नोएडा कार्यालय में कार्यरत थे। आरोप के अनुसार, दस्तावेज फर्जीवाड़ा कर सॉफ्टवेयर की मनमानी कीमत दर्ज कर दी गई। तत्कालीन आंध्र सरकार ने प्रोजेक्ट की 10 फीसदी राशि और टैक्स मिलाकर करीब 371 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था। अपर्णा यू (Aparna U) अभी यूपी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक (Director of National Health Mission in UP) हैं।
आईएएस अपर्णा यू के पति की गिरफ्तारी के बाद आंध्र प्रदेश सीआईडी ने फिर दी दबिश
करीब 3300 करोड़ के घोटाले के मामले में आईएएस अपर्णा यू (Aparna U) के पति जीबीएस भास्कर (GBS Bhaskar) की नोएडा से गिरफ्तारी के बाद आंध्र प्रदेश सीआईडी (Andhra Pradesh CID) की टीम ने शनिवार को एक बार फिर दबिश दी। सीआईडी (CID)के चार सदस्यीय टीम सेक्टर-50 आलोक विहार-1 स्थित आईएएस के फ्लैट पर पहुंची। जहां ताला लगा देखकर टीम लौट गई। भास्कर को आंध्र प्रदेश पुलिस 16 मार्च को नोएडा से गिरफ्तार कर ले गई थी।
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लखनऊ में रहती हैं अपर्णा यू
आशंका जताई जा रही है कि जीबीएस भास्कर (GBS Bhaskar) से पूछताछ के बाद साक्ष्य जुटाने या किसी अन्य की गिरफ्तारी के लिए टीम ने दबिश दी थी। वहीं इस बात की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि टीम आईएएस से पूछताछ के लिए पहुंची हो। हालांकि इस मामले में स्थानीय पुलिस अधिकारी का कहना है कि अपर्णा यू लखनऊ में रहती हैं और घोटाले के केस में उनका नाम शामिल नहीं है।
फ्लैट पर लगा मिला ताला
प्रदेश में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अपर्णा यू के पति जीबीएस भास्कर (GBS Bhaskar) को आंध्र प्रदेश सीआईडी (Andhra Pradesh CID) ने 16 मार्च को नोएडा से गिरफ्तार किया था। बताया गया है कि सीआईडी टीम ने भास्कर को सूरजपुर स्थित न्यायालय में पेश कर चार दिन की ट्रांजिट रिमांड मांगी थी। न्यायालय के तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड देने के बाद पुलिस टीम उन्हें हैदराबाद ले गई थी। भास्कर से पूछताछ के बाद सीआईडी (CID) टीम एक बार फिर शनिवार को नोएडा पहुंची। सेक्टर-49 कोतवाली में आमद दर्ज कराने के बाद स्थानीय पुलिस के साथ सीआईडी की टीम सेक्टर-50 स्थित आलोक विहार-1 स्थित उनके फ्लैट पहुंची थी। डीसीपी हरीश चंदर का कहना है कि उनके मकान पर ताला लगा मिलने के बाद आंध्र प्रदेश सीआईडी (Andhra Pradesh CID) की टीम खाली हाथ लौट गई। उनके पति की लगभग दो सप्ताह पहले गिरफ्तारी हुई थी।
3300 करोड़ के घोटाले का है मामला
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आईएएस अपर्णा यू उत्तर प्रदेश (UP IAS officer Aparna U) में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक (Director of National Health Mission) हैं। प्रतिनियुक्ति पर आंध्र प्रदेश में जाने के दौरान उनके पति पर ठेका लेकर 3300 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा है। प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद अपर्णा बिजली विभाग में निदेशक समेत अन्य विभागों में उच्च पदों पर तैनात रही हैं। बताया गया है कि अपर्णा आंध्र प्रदेश में स्किल डेवलेपमेंट विभाग में तैनात थीं। जबकि उनके पति जीबीएस भास्कर (GBS Bhaskar) नोएडा में सीमेंस कंपनी में कार्यरत थे।
सूत्रों के मुताबिक आंध्र प्रदेश में कौशल विकास परियोजना (Skill Development Project) के लिए सीमेंस इंडस्ट्री सॉप्टवेयर प्रा लि से 58 करोड़ में सॉफ्टवेयर खरीदा गया था। दस्तावेज में फर्जीवाड़ा कर सॉफ्टवेयर की कीमत 3300 करोड़ तक बढ़ा दी गई थी। आरोप है कि मामले में तत्कालीन आंध्र प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट की 10 फीसदी राशि करीब 371 करोड़ (टैक्स मिलाकर) का भुगतान कर दिया था। इस मामले में वहां के कई नेताओं और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं।